छत्तीसगढ़

…घर से विदा लेने का समय नजदीक, संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सागर शर्मा की पर्सनल डायरी आई सामने

नईदिल्ली : लोकसभा की दर्शक दीर्घा में कूदने और उत्पात मचाने वाले सागर शर्मा को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ. सागर पिछले कुछ सालों से एक डायरी मेंटेन कर रहा था. इसमें उसने लिखा था कि घर से विदा लेने का समय नजदीक आ गया है. सागर के परिवार के सदस्यों ने डायरी स्थानीय पुलिस को दे दी.

उसने 13 जून 2015 को अपनी डायरी में लिखा, “मैंने अपना जीवन देश के नाम कर दिया है. मैंने आजादी की ओर एक कदम बढ़ाया है. अब देश के लिए मरने की बारी आएगी. मैं पहले ही काफी आराम कर चुका हूं.”

डायरी में क्रांतिकारियों के विचार
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ के रामनगर में रहने वाले शर्मा ने 2015 से 2021 तक डायरी को मेंटेन किया और इसे अपनी किताबों के साथ रखा. हालांकि उसने डायरी में एंट्री रेगूलर नहीं की थी. इसमें क्रांतिकारियों विचारों और कविताएं  लिखी हैं. 

स्थानीय पुलिस ने डायरी को मामले में जांच कर रही दिल्ली पुलिस को सौंप दिया. पुलिस के मुताबिक एक जगह शर्मा ने लिखा था सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है.

‘घर से विदा लेने का समय’
6 फरवरी, 2021 को शर्मा ने लिखा, घर से विदा लेने का समय आ गया है. एक तरफ डर है और दूसरी तरफ कुछ भी कर गुजरने का  संकल्प. उसने एक जगह लिखा, “मैंने पांच साल तक हर पल उस समय का इंतजार किया है. अब मैं अपने कर्तव्य की ओर बढ़ूंगा.” उसने कहा, ”दुनिया में सबसे मजबूत व्यक्ति वह नहीं है जो छीनना जानता है, बल्कि वह है जो सब कुछ त्याग सकता है.” 

12 जून 2015 को शर्मा ने डायरी में लिखा, यहां खुले में बेटियों की आबरू लूटी जा रही है तो फिर हम सब्र से हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठे हैं? अगले ही दिन उन्होंने देश के लिए अपनी जान देने की बात लिखी.

सेना में शमिल होना चाहता था सागर
पुलिस सूत्रों ने परिवार के सदस्यों के हवाले से बताया कि शर्मा ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की और सेना में शामिल होने की कोशिश की, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद असफल रहा. बाद में वह कुछ सालों के लिए बेंगलुरु चला गया.

बेंगलुरु से घर लौटने के बाद सागर ने ई-रिक्शा चलाना शुरू कर दिया. परिवार के सदस्यों के अनुसार वह सोमवार को घर से निकला. उसने बताया कि वह एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली जा रहा है. उसके रिश्तेदारों ने दावा किया कि वे संसद सुरक्षा उल्लंघन में उनकी भागीदारी से अनजान थे. सागर के एक दोस्त सत्यम सिंह ने कहा कि वह 12 वीं कक्षा के बाद और पढ़ाई करना चाहता था लेकिन पैसे की तंगी के चलते वह आगे नहीं पढ़ सका. वह अपने परिवार के लिए कुछ करना चाहता था.  

सागर के पिता रोशन लाल करते हैं बढ़ई का काम
पुलिस के मुताबिक, सागर के पिता रोशन लाल एक बढ़ई हैं, जबकि उसकी मां रानी एक गृहिणी हैं. यह परिवार उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का रहने वाला है, लेकिन एक दशक से अधिक समय से लखनऊ में किराए के मकान में रह रहा है.

बता दें कि बुधवार को 2001 के संसद आतंकवादी हमले की बरसी पर सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा में कूद गए. इस दौरान उन्होंने स्मोक कलर छोड़ दिया. वहीं, एक महिला सहित दो अन्य लोगों ने संसद के बाहर नारे लगाए.

घटना के बाद पुलिस ने चारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है.