नारायणपुर : छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में कर्ज में डूबे किसान के आत्महत्या करने के मामले में विपक्ष सरकार को घेरने में लगा है. विपक्ष की तरफ से मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज ने किसान की आत्महत्या मामले में 5 सदस्य टीम का गठन किया है. ये टीम मृतक किसान के घर जाकर पूरे मामले की जांच करेगी. आपको बता दें कि नारायणपुर जिले के कुकड़ाझोर गांव में हीरुराम बढ़ई नाम के किसान बैंक का लोन नहीं चुका पाने के चलते कीटनाशक दवाई खाकर आत्महत्या कर ली थी.
बैंक की तरफ से मिले नोटिस से परेशान था किसान
किसान हीरुराम बढ़ई पर करीब 1 लाख 24 हजार का बैंक लोन था. जिसे वो चुका नहीं पा रहा था जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि कुछ दिन बाद ही किसान के बड़े बेटे योगेश्वर की शादी थी, ऐसे में बैंक के द्वारा नोटिस जारी किया गया था जिससे किसान काफी परेशान था. परिजनों ने भी आरोप लगाया है कि इस साल बारिश कम होने की वजह से फसल की कम पैदावार हुई है. ऐसे में बैंक के द्वारा नोटिस भेजे जाने से हिरुराम परेशान थे और जिसके चलते उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया, हालांकि इस मामले में खुद नारायणपुर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं.
किसान की मौत पर शुरु हुई राजनीति
वहीं किसान हीरुराम बढ़ई की आत्महत्या को लेकर प्रदेश में राजनीति शुरू हो गई है. प्रदेश में बीजेपी की नई सरकार बनने के बाद किसान की आत्महत्या का यह पहला मामला है. किसान के परिजनों ने बताया कि हीरू राम को कर्ज माफी की उम्मीद थी और इसका इंतजार भी कर रहे थे, क्योंकि कम पैदावार और बे-मौसम बारिश ने हीरूराम की खड़ी फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था. हीरुराम अपनी सास सोमारी के नाम की जमीन पर खेती कर अपना औ अपने परिवार का जीवन व्यापन करता था. किसान हीरू ने इस साल खेती करने के लिए सहकारी बैंक से 1 लाख 24 हज़ार रु. का कर्ज लिया था, लेकिन इस वर्ष बेमौसम की मार के चलते फसल की पैदावार कम हो गई. किसान को उम्मीद थी कि नई सरकार बनने के बाद कर्ज माफी हो जाएगी, लेकिन फसल के लिए बैंक से लिए गए कर्ज का नोटिस मिलने के बाद किसान की चिंता और बढ़ गई.
किसान के बेटे ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
बीते 13 दिसंबर को खेत में काम करने के बाद हीरु राम के परिवार वाले घर आ गए और किसान हीरू खेत में ही था, हीरू का बड़ा बेटा योगेश्वर खाना खाने के लिए जब अपने पिता को बुलाने खेत गया तो देखा कि पिता को काफी उल्टी हो रही है, जिसे तुरंत घर ले गया जिसके बाद इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां देर रात किसान की मौत हो गई , डॉक्टर के मुताबिक किसान ने कीटनाशक दवाई का सेवन किया था. जिसके चलते उसकी मौत हो गई, इधर अब परिवार का भरण पोषण करने के साथ ही कर्ज चुकाने की समस्या किसान के बेटे के सामने हैं जिसके चलते किसान का बेटा योगेश्वर शासन से मदद की गुहार लगा रहा है.
किसान हीरुराम के सास के नाम का था नोटिस
इस मामले में बैंक मैनेजर प्रतीक अवस्थी ने बताया कि मृतक किसान के नाम से बैंक में कोई कर्ज नहीं था, उसकी सास सोमारी के नाम पर 1 लाख 24 हजार का कर्ज था, उन्होंने बताया कि नोटिस भेजने की एक सामान्य प्रक्रिया है जो सभी किसानों को भेजा जाता है, सोमारी बाई की खेत की फसल का बीमा भी कराया गया था. इधर बताया जा रहा है कि सास की ही जमीन पर किसान हीरूराम खेती-बाड़ी करता था, नोटिस मिलने के बाद वह काफी चिंता में डूब गया जिसके चलते उसने आत्महत्या करने का कदम उठाया.
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को ठहराया मौत के लिए जिम्मेदार
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने किसान की आत्महत्या के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया. दीपक बैज ने कहा कि बीजेपी की असंवेदनशीलता और वादा खिलाफी ने एक किसान को आत्महत्या करने को मजबूर कर दिया, अगर बीजेपी सरकार ने पहली केबिनेट की बैठक में 2 लाख तक कर्जा माफ कर दिया होता तो किसान हीरू बढ़ई को आत्महत्या नहीं करनी पड़ती, किसान हीरू बढ़ई के ऊपर 1लाख 24 हजार का कर्ज था किसान को कर्ज माफी का भरोसा था, उसके बेटे की शादी भी थी, कर्ज वसूली के नोटिस से वह मानसिक दबाव में आ गया था.
‘वादे से मुकर रही है बीजेपी सरकार’
दीपक बैज ने कहा कि बीजेपी के अनेकों नेताओं ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान किसानों के कर्जमाफी करने का वायदा अपने भाषणों में किया था, इस संबंध में पम्पलेट भी वितरित किए गए थे, बीजेपी की सरकार बनने पर 2 लाख तक सारे बड़े और छोटे किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा, अब बीजेपी की सरकार बन गई है तो बीजेपी कर्ज माफी के वायदे से मुकर रही है जिससे किसान दु:खी और व्यथित है. दीपक बैज ने कहा कि इस मामले में बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है जो मृतक किसान हीरू के घर पर जाकर परिवार वालो से मिलने के साथ पूरे मामले की जांच करेंगे.