नईदिल्ली : विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की बैठक दिल्ली के अशोका होटल में लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर मंगलवार (19 दिसंबर) को होने जा रही है.
गठबंधन इंडिया में शामिल पार्टियों के प्रमुख नेताओं की बैठक ऐसे समय पर होगी जब हाल ही में हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव के परिणाम आए हैं. इसमें हिंदी भाषी राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ से कांग्रेस को सत्ता से बाहर होना पड़ा तो मध्य प्रदेश में सत्ता बीजेपी ने बरकरार रखी. वहीं तेलंगाना में कांग्रेस जीती. इन चुनाव को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था. ऐसे समय में मीटिंग को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
विपक्षी गठबंधन इंडिया की मीटिंग को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के अलावा बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे दिल्ली पहुंच चुके हैं. विपक्षी गठबंधन इंडिया के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद फैसला किया जाएगा. उन्होंने विश्वास जताया कि गठबंधन सीट बंटवारे सहित सभी मुद्दों को सुलझा लेगा. बनर्जी ने उम्मीद जताई कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस, टीएमसी और लेफ्ट का गठबंधन हो सकता है.
इस बीच टीएमसी ने कहा कि कांग्रेस अपनी जमींदारी संस्कृति को त्यागकर ममता बनर्जी जैसे वरिष्ठ नेताओं को गठबंधन के चेहरे के तौर पर पेश करने की दिशा में काम करे. टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कोलकाता में कहा, ‘‘तीन राज्यों (के विधानसभा चुनाव) में मिली हार के बाद कांग्रेस को इससे सबक लेना चाहिए. इसे ‘जमींदारी संस्कृति को त्यागना होगा. पार्टी अपने साझेदारों के साथ अपनी प्रजा की तरह व्यवहार नहीं कर सकती. यह सुनिश्चित करने के लिए कि ‘इंडिया’ गठबंधन की जीत हो, उसे (कांग्रेस) तीन बार की मुख्यमंत्री और तीन बार की केंद्रीय मंत्री ममता बनर्जी और अन्य वरिष्ठ नेताओं को गठबंधन का चेहरा बनाना होगा.’’
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के चीफ लालू प्रसाद ने दावा किया कि ‘इंडिया’ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर कर देगा. उन्होंने कहा, ”गठबंधन का अच्छा भविष्य है. मीटिंग में शामिल होने के लिए सभी नेता आ रहे हैं. ऐसे में हम पीएम मोदी का हरा देंगे.”
विपक्षी गठबंधन इंडिया की मीटिंग में अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट के बंटवारे, साझा जनसभाओं और रणनीति बनाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इस बैठक में सकारात्मक एजेंडा तय करने, सीट के बंटवारे और साझा जनसभाओं को लेकर मुख्य रूप से चर्चा संभव है . सूत्रों के मुताबिक, ‘इंडिया’ गठबंधन की जाति आधारित गणना, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा के मुद्दों को भी आगे बढ़ा सकता है. दरअसल, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल जाति आधारित गणना की मांग करते हुए केंद्र सरकार पर हमलावर है.
इस बीच राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हिंदी भाषी राज्य छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हार से उसे नुकसान होगा. कहा जा रहा है कि सीट शेयरिंग की चर्चा में कांग्रेस की सीट मांगने की क्षमता पर सवाल उठाए जा सकते हैं. बीजेपी ने गठबंधन इंडिया को लेकर कहा कि इनका कुछ नहीं होने वाला. शाहनवाज हुसैन ने कहा, ” भिंडी गठबंधन हो जाएगा. इससे कुछ नहीं निकलने वाला. ये हताश और निराश लोगों की बैठक है. कांग्रेस घमंड में थी की कर्नाटक के बाद तीन राज्य जीतने के बाद हम अपने गठबंधन साथियों का दबाएंगे. अखिलेश यादव सीट मांगने गए थे तो कमलनाथ ने कहा कि कौन अखिलेश और वखिलेश. ऐसे में सब लोग कांग्रेस को सौंपेंगे.
विपक्षी गठबंधन इंडिया के सामने यूपी, पंजाब और दिल्ली में सीट शेयरिंग को लेकर चुनौती है. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी को सीट नहीं मिलने को लेकर कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा भी था कि यूपी में भी ऐसा होगा. वहीं पंजाब और दिल्ली की बात करें तो यहां सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आमने सामने है.
इससे पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया की तीन बैठकें हो चुकी है. इसमें पहली मीटिंग बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को हुई थी. इसके बाद दूसरी बैठक बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को हुई थी. वहीं तीसरी मीटिंग मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को हुई थी. तीनों ही मीटिंग में विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी के खिलाफ एकजुटता की बात दोहराई थी.