छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : सीएम आवास का बाहरी काम पूरा, भीतरी साज-सज्जा जारी

रायपुर : नवा रायपुर में बहुप्रतीक्षित नए मुख्यमंत्री निवास का आकर्षण देखते ही बन रहा है। सेक्टर-24 में बन रहे मुख्यमंत्री आवास में बाहरी काम-काज पूरा हो गया है। भीतरी साज-सज्जा जारी है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फर्नीचर, इंटीरियर व विद्युत कार्य किए जा रहे हैं।

एकड़ क्षेत्रफल में फैले मुख्यमंत्री आवास का निर्माण लगभग 65 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है। बंगले को पूरी तरह निर्मित करने में तीन महीने का वक्त लगने की संभावना जताई जा रही है। बाहरी सुरक्षा अभी से कड़ी कर दी गई है। यहां चारों दिशाओं में सीसीटीवी कैमरे के जरिए गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, वहीं नए सीएम हाउस को हाइटेक सुरक्षा व्यवस्था से लैस किया गया है। यहां एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जिसकी लगातार मानिटरिंग की जा रही है।

राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक नवा रायपुर में मुख्यमंत्री आवास तीन-चार महीने में बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन रायपुर से नवा रायपुर में सीएम हाउस की शिफ्टिंग हो कब होगी। यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है। नवा रायपुर में मुख्यमंत्री आवास की शिफ्टिंग की योजना पहले ही बन चुकी थी। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में निर्माण शुरू किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दोबारा कांग्रेस की सरकार बनते ही नवा रायपुर से काम-काज शुरू करने पर हामी भरी थी, लेकिन अब भाजपा सरकार बनने के बाद नए मुख्यमंत्री वहां शिफ्ट होंगे या नहीं यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा।

नवा रायपुर में बसाहट का उद्देश्य

अधिकारियों के मुताबिक नवा रायपुर में अरबों रुपये की लागत से तैयार किए गए अधोसंरचना की सफलता बसाहट से पूरी होगी। इसी उद्देश्य से ही नवा रायपुर में मुख्यमंत्री आवास से लेकर राजभवन व मंत्रियों के बंगले की नींव रखी गई है। नवा रायपुर प्रोजेक्ट भाजपा सरकार की देन मानी जाती है, वहीं मुख्यमंत्री, राजभवन-विधानसभा भवन सहित मंत्रियों-अधिकारियों के बंगलों का निर्माण कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरू किया गया। दोनों ही सरकारों ने नवा रायपुर में बसाहट को प्राथमिकता दी है।

यह भी निर्माणाधीन

मुख्यमंत्री निवास के पास ही मंत्रियों के साथ विधानसभा अध्यक्ष का बंगला तैयार किया जा रहा है। कुल मिलाकर 14 बंगलों का निर्माण कार्य जारी है। अब अधिकारियों के बंगलों का दायरा भी बढ़ चुका है। 4,000 वर्गफीट के स्थान पर अब अधिकारियों के बंगलों को 22,000 वर्गफीट में तैयार किया जा रहा है। नवा रायपुर के सेक्टर-18 में ऐसे 78 बंगले तैयार किए जा रहे हैं।