नईदिल्ली : संसद की सुरक्षा में सेंधमारी मामले में दो और किरदारों के बारे में दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम को पता चला है. गिरफ्तार किये गये आरोपियों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने आमने-सामने बैठा कर पूछताछ की है. इसके पहले उनके बयान और निशान देही के आधार पर देश के अलग-अलग हिस्सों में दो और लोगों से सवाल जवाब हुए हैं.
इनमें से बैंगलोर के एक इंजीनियर को हिरासत में लिया गया है जबकि उत्तर प्रदेश के जालौन में भी एक शख्स से लंबी पूछताछ की गई है. सूत्रों ने बताया है कि संसद भवन मामले में पुलिस की जांच में दो और संदिग्धों के नाम सामने आ रहे हैं.
बेंगलुरु में इंजीनियर हिरासत में, यूपी में भी पूछताछ
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने कर्नाटक के बागलकोट शहर से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को हिरासत में लिया है. उसका नाम साई कृष्णा है. उसके पिता टॉप पुलिस ऑफिसर हैं. साई मनोरंजन का दोस्त बताया जा रहा है. बुधवार देर रात तक पुलिस ने उससे पूछताछ की जिसके बाद हिरासत में लेकर दिल्ली लाया जा रहा है.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के जालौन के अतुल कुलश्रेष्ठ नाम के शख्स से भी पुलिस ने पूछताछ की है. अतुल कुलश्रेष्ठ 50 साल का है और बेरोजगार है. दोनों के बयान रिकॉर्ड किए गए हैं और संसद मामले में उनकी संलिप्तता की जांच हो रही है. सुरक्षा में सेंघ लगाने के मामले में इनकी कोई भूमिका थी या नहीं, इस बारे में पता लगाया जा रहा है.
संसद में किया था विरोध प्रदर्शन
रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा में 13 दिसंबर को दो व्यक्ति – सागर शर्मा और मनोरंजन डी. – शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से सदन कक्ष में कूद गए थे और इस दौरान ‘केन’ से पीला धुआं छोड़ा और नारे लगाए. दोनों को बाद में कुछ सांसदों ने पकड़ लिया था.
लगभग उसी समय, संसद भवन परिसर के बाहर दो लोगों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाते हुए ‘केन’ से रंगीन धुआं छोड़ते हुए प्रदर्शन किया था. चारों के अलावा पुलिस ने कथित मुख्य साजिशकर्ता ललित झा और महेश कुमावत को भी गिरफ्तार किया है. उन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कर्नाटक में आरोपियों ने की थी मीटिंग
सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने ‘मेटा’ से कई व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों के साथ-साथ उनकी ‘चैट’ का विवरण लिया है. यह भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर चलाते थे. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सुरक्षा में सेंध की योजना बनाने के लिए ‘सिग्नल’ एप पर भी बात करते थे और पिछले साल कर्नाटक के मैसूर में मिले थे.
एक अधिकारी ने कहा कि मैसूर के रहने वाले मनोरंजन ने पांचों का यात्रा खर्च वहन किया था. पुलिस उन चार आरोपियों के फर्जी सिम कार्ड प्राप्त करने की कोशिश कर रही है जिनके मोबाइल फोन राजस्थान में झा और कुमावत द्वारा कथित तौर पर नष्ट कर दिए गए थे.