नईदिल्ली : गुजरात टाइटंस ने इस बार आक्शन में रांची के एक युवा खिलाड़ी पर 3.60 करोड़ का भारी भरकम दांव लगाया. इस खिलाड़ी का नाम रॉबिन मिंज हैं. रॉबिन महज 21 साल के हैं और रांची में उनकी धमाकेदार बैटिंग स्टाइल के हर कोई दिवाने हैं. इन्हें ‘रांची का गेल’ भी कहा जाता है.
रॉबिन के पिता फ्रांसिस जेवियर मिंज एक सिक्योरिटी गार्ड हैं. आर्मी से रिटायर होने के बाद वह रांची एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हैं. वह खुद भी स्पोर्ट्स में रहे हैं. एथलेटिक्स के प्रति उनके प्यार ने ही उन्हें स्पोर्ट्स कोटा से आर्मी में एंट्री दिलाई थी.
फ्रांसिस जेवियर मिंज अपने बेटे को आईपीएल में मिले मौके को लेकर बेहद खुश हैं. वह रॉबिन के ऑक्शन में 3.6 करोड़ में बिकने के बाद का एक किस्सा बताते हुए कहते हैं कि जैसे ही रॉबिन को गुजरात टाइटंस ने लिया तो एक सीआईएसएफ जवान ने मुझे गले लगाया और कहा कि अरे फ्रांसिस सर आप तो करोड़पति हो गए. फ्रांसिस यह भी बताते हैं कि हाल ही में एयरपोर्ट पर उनकी मुलाकात धोनी से हुई थी और धोनी ने उनसे कहा था कि ‘फ्रांसिस जी रॉबिन को कोई नहीं लेगा तो हम ले लेंगे.’
मिंज फैमिली वैसे तो गुमला जिले के आदिवासी इलाके में आने वाले गांव ‘तेलगांव’ की रहने वाली है लेकिन फ्रांसिस के आर्मी में जाने के बाद यह परिवार रांची शिफ्ट हो गया. यही पर रॉबिन को क्रिकेट का शौक लगा.
धोनी के बचपन के कोच से ही मिली है ट्रेनिंग
रॉबिन विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. धोनी को देखकर ही उन्होंने हाथ में दास्तानें पहने थे. धोनी के बचपन के कोच चंचल भट्टाचार्य ने ही रॉबिन को भी ट्रेन किया है. वह बताते हैं कि जब धोनी ने टीम इंडिया में डेब्यू किया, तब रांची में एक क्रिकेट अकेडमी हुआ करती थी. आज यहां 15 अकेडमी चल रही हैं. रांची में युवा क्रिकेटर सबसे ज्यादा दिलचस्पी विकेटकीपर बल्लेबाज बनने में ही दिखाते हैं. वे धोनी की ही तरह लंबे बाल रखना भी पसंद करते हैं.
पहली गेंद से गेंदबाजों पर टूट पड़ता है
रॉबिन के बल्लेबाजी कोच आसिफ हक बताते हैं, ‘हम रॉबिन को रांची का गेल कहते हैं. वह बाएं हाथ से बल्लेबाजी करता है और बड़े छक्के जड़ने की काबिलियत रखता है. वह नए जमाने का क्रिकेटर है जो पहली गेंद से ही गेंदबाजों पर टूट पड़ता है और 200 की स्ट्राइक रेट से खेलना पसंद करता है.’