नईदिल्ली : भारत खुफिया जानकारी इक्ठ्ठा करने के लिए अगले पांच साल में 50 सैटेलाइट लॉन्च करेगा. इसमें सैनिकों की आवाजाही को ट्रैक करने और हजारों किलोमीटर क्षेत्र की इमेज लेने की क्षमता होगी. ये खुलासा इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) प्रमुख डॉ एस सोमनाथ ने किया.
उन्होंने गुरुवार (29 दिसंबर) को बताया कि इन सैटेलाइट्स के जरिए दुश्मनों की हर हरकत पर नजर रखी जा सकेगी. सोमनाथ ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) बॉम्बे के सालाना टेक फेस्ट कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि फिलहाल हमारे पास उस मात्रा में सैटेलाइट नहीं हैं, जो भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनने की आकांक्षा को साकार कर सकें. हमारे पास इस समय 10 गुना ज्यादा सैटेलाइट होने चाहिए थे.
उन्होंने कहा कि बदलते वक्त के साथ सैटेलाइट की क्षमता में सुधार करना, डेटा का विश्लेषण करने के लिए एआई-संबंधित और डेटा-एनालिसिस अप्रोच लाना, डेटा डाउनलोड कम करना और केवल आवश्यक जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण था.
पड़ोसी देशों की निगरानी करने में मिलती है मदद
इसरो प्रमुख ने कहा कि स्पेसक्राफ्ट किसी भी देश की सीमाओं और पड़ोसी देशों की निगरानी कर सकते हैं. यह सब सैटेलाइट से देखा जा सकता है. यह क्षमता हमें अपार संभावनाएं प्रदान करती है. हम इसे हासिल करने के लिए सैटेलाइट लॉन्च कर रहे हैं.
कॉन्फिगर किए जा रहे हैं सैटेलाइट
सोमनाथ ने कहा कि जिस देश के पास यह समझने की क्षमता है कि उसके आस-पास क्या हो रहा है, वह ज्यादा शक्तिशाली है. उन्होंने बताया कि फिलहाल कई जासूसी सैटेलाइट्स को डिजाइन और कॉन्फिगर किया जा रहा है.
इसरो प्रमुख ने कहा, “हमने पहले ही 50 सैटेलाइट को कॉन्फिगर कर लिया है और इन्हें अगले पांच साल की अवधि में लॉन्च किया जाएगा.” सोमनाथ ने कहा कि अगर भारत इस पैमाने पर सौटेलाइट्स को लॉन्च कर देता है तो देश के लिए पैदा होने वाले खतरों को बेहतर ढंग से कम किया जा सकता है.
सिंथेटिक एपर्चर रडार से लैस होंगे सैटेलाइट
सोमनाथ ने कहा, “हमने एक तरीका ढूंढ लिया है जिसके जरिए सैटेलाइट की एक लेयर को जियोस्टेशनरी इक्वेटोरियल ऑर्बिट (GEO) से शुरू करके पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) तक लॉन्च किया जा सकता है.”
उन्होंने बताया कि इन सैटेलाइट्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ा जाएगा. ये सिंथेटिक एपर्चर रडार, थर्मल कैमरा, इंफ्रारेड कैमरा और विजिबल कैमरे से लैस होंगे.