नईदिल्ली : बजरंग पूनिया के बाद अब महिला पहलवान विनेश फोगाट ने शनिवार को खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटा दिया. विनेश ने शनिवार (30 दिसंबर) को अपना पुरस्कार लौटाया. इसके एक दिन बाद रविवार (31 दिसंबर) को इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की. बता दें कि दिल्ली पुलिस की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचने से रोकने के बाद विनेश फोगाट ने दोनों पुरस्कार कर्तव्य पथ पर रख दिए थे.
राहुल गांधी ने इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “देश की हर बेटी के लिए आत्मसम्मान पहले है, अन्य कोई भी पदक या सम्मान उसके बाद. आज क्या एक ‘घोषित बाहुबली’ से मिलने वाले ‘राजनीतिक फायदे’ की कीमत, इन बहादुर बेटियों के आंसुओं से अधिक हो गई है? प्रधानमंत्री राष्ट्र का अभिभावक होता है, उसकी ऐसी निष्ठुरता देख पीड़ा होती है.”
विनेश ने पुरस्कार लौटाने से पहले क्या कहा था?
वहीं, पुरस्कार लौटाने से पहले एक्स पर पोस्ट किए गए अपने लेटर में विनेश फोगाट ने पीएम को संबोधित करते हुए कहा था, प्रधानमंत्री जी मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं और पिछले एक साल में जिस हाल में हूं यह बताने के लिए आपको पत्र लिख रही हूं. उन्होंने आगे लिखा, क्या हम महिला खिलाड़ी सरकार के विज्ञापनों पर ही छपने के लिए बनी हैं. बता दें कि इससे पहले बजरंग पुनिया भी अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा चुके हैं.
संजय सिंह के चुनाव जीतने के बाद और बढ़ा विरोध
बता दें कि फोगाट ने ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के साथ मिलकर बृज भूषण के करीबी संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष बनने पर विरोध जताया था. इनका कहना था कि संजय सिंह बृज भूषण का खास है. इसके बाद विरोध में साक्षी मलिक ने रेसलिंग से संन्यास ले लिया था. विरोध बढ़ते देख खेल मंत्रालय ने निर्णय लेते समय अपने संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने के लिए नवनिर्वाचित समिति को निलंबित कर दिया था और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से खेल निकाय के मामलों के प्रबंधन के लिए एक तठस्थ पैनल का गठन करने के लिए कहा था.