नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव होने में सिर्फ एक महीना बचा है। इसके मद्देनजर राजनीतिक दलों ने भी तैयारियां तेज कर रखी हैं। सात चरण में होने वाले आम चुनाव के लिए 19 अप्रैल से मतदान शुरू होगा। इस बीच, आज कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होगी, जिसमें लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के घोषणापत्र पर अंतिम रूप दिया जाएगा।
केंद्रीय चुनाव समिति की भी बैठक होगी
बताया जा रहा है कि बैठक सुबह 10 बजे एआईसीसी मुख्यालय में होगी। कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की भी बैठक होगी। इस बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के शेष उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा। वहीं, पार्टी के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय से पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित करने की भी उम्मीद है। बता दें यह न्याय यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू होकर 17 मार्च को मुंबई में समाप्त हुई थी।
घोषणापत्र समिति का गठन
इससे पहले, कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए घोषणापत्र समिति का गठन किया था। समिति के संयोजक छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव हैं। अन्य सदस्य कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश, कांग्रेस नेता शशि थरूर और प्रियंका गांधी वाड्रा हैं। समिति के प्रमुख वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र ‘लोगों का घोषणापत्र’ होगा। पार्टी नेताओं द्वारा सार्वजनिक परामर्श के अलावा, ई-मेल और एक वेबसाइट के माध्यम से सुझाव लिए गए हैं।
न्याय के लिए पांच ‘गारंटी’
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को कहा था कि पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कार्यसमिति की बैठक में मसौदा घोषणापत्र को अपनी मंजूरी देगी, जिसमें न्याय के लिए पांच ‘गारंटी’ दी गई हैं। उन्होंने कहा था कि पार्टी पांच न्याय – भागीदारी न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और युवा न्याय के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। इनमें 25 गारंटी होंगी, जिनकी घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही कर चुके हैं।
82 उम्मीदवारों की घोषणा
कांग्रेस ने अब तक दो अलग-अलग सूचियों में कुल 82 उम्मीदवारों की घोषणा की है। खरगे ने एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा बढ़ाने और एक व्यापक सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना के लिए संविधान संशोधन पारित करने का वादा किया है।