नईदिल्ली : दिल्ली शराब घोटाले में एक नाम बार-बार सुनने को मिल रहा है, वो है शरत चंद्र रेड्डी का। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जब से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उत्पाद शुल्क नीति मामले में गिरफ्तार किया है, तब से शरत रेड्डी सुर्खियों में हैं। अरविंद केजरीवाल के हिरासत में जाने के अगले दिन 23 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आदमी पार्टी (AAP) की नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने भी कहा कि शरत चंद्र रेड्डी ही वो शख्स है, जिसके बयान को आधार बनाकर सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है।
इतना ही नहीं दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदियो समेत आप के जितने भी नेता उत्पाद शुल्क नीति मामले में फंसे हैं, उन सबके जी का जंजाल शरत रेड्डी बने हुए हैं। ऐसे में लोग ये जानना चाहते हैं कि आखिर शरत रेड्डी हैं कौन और उनका दिल्ली शराब घोटाले से क्या लेना-देना है?
कौन हैं शरत चंद्र रेड्डी?
पी. शरत चंद्र रेड्डी हैदराबाद के एक बिजनेसमैन हैं। शरत रेड्डी अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के मालिक और एमडी हैं। अरबिंदो फार्मा कंपनी का नाम दिल्ली शराब नीति मामले से जुड़ा हुआ है।अरबिंदो फार्मा लिमिटेड की स्थापना शरत रेड्डी के पिता पी.वी. राम प्रसाद रेड्डी ने की थी। अब शरत रेड्डी ही इस कंपनी को संभालते हैं। अरविंदो फार्मा जेनरिक ड्रग्स मार्केट में बड़ा नाम है। ग्लोबल मार्केट में भी इनकी बहुत पकड़ है।
शरत रेड्डी इस फार्मा को संभालने के साथ-साथ शराब कारोबार से भी जुड़े हैं। शरत रेड्डी अरविंदो फार्मा से पहले ट्रीडेंट लाइफ साइंस प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को चला रहे थे। ये कंपनी अब अरविंदो फार्मा में ही मिला दी गई है।
शरत रेड्डी ने बिजनेस एडमिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन किया है। इनका पूरा परिवार बिजनेस बैकग्राउंड वाला है। शरत रेड्डी के भाई रोहित रेड्डी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता वी विजयसाई रेड्डी के दामाद हैं।दिल्ली शराब घोटाले से पहले शरत रेड्डी का नाम साल 2012 में सीबीआई की एक और चार्जशीट में भी आया था। उनके खिलाफ जमीन अधिग्रहण मामले का आरोप लगा था।
शरत रेड्डी और दिल्ली शराब घोटाले का कनेक्शन, फिलहाल जमानत पर है बाहर
ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र में कहा गया है कि, हैदराबाद स्थित कारोबारी शरत चंद्र रेड्डी ने नवंबर 2021 से जुलाई 2022 तक दिल्ली में लागू उत्पाद शुल्क नीति के तहत 5 शराब खुदरा क्षेत्रों के लिए लाइसेंस हासिल किया था।
ईडी ने शरत रेड्डी को 11 नवंबर को गिरफ्तार किया था। फिलहाल शरत रेड्डी जमानत पर बाहर हैं। मई 2023 में रेड्डी को जमानत मिली थी। जेल से रिहा होने के बाद रेड्डी 2 जून 2023 को मामले में सरकारी गवाह बने थे। शरत रेड्डी ने सरकारी गवाह बनने के बाद शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत कुछ लोगों का नाम लिया है।
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने 23 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑन रिकॉर्ड कहा, ”अरबिंदो फार्मा के मालिक शरत रेड्डी को ईडी ने 9 नवंबर 2022 को पूछताछ के लिए बुलाया था। जिसमें शरत ने साफ-साफ कहा था कि वह कभी भी अरविंद केजरीवाल से नहीं मिले और बात नहीं की है, उनका AAP से कोई लेना-देना नहीं है। जैसे ही उन्होंने ये बयान दिया, उसके अगले दिन ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।”
आतिशी ने आगे कहा, ”कई महीनों तक जेल में रहने के बाद शरत रेड्डी ने अपना बयान बदल लिया और सरकारी गवाह बनकर कहा कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और उनसे उत्पाद नीति पर बात भी की है। इतना कहते ही शरत रेड्डी को जमानत मिल गई।” आप का आरोप है कि ईडी ने शरत रेड्डी के जमानत का विरोध भी नहीं किया था।
दावा: शरत रेड्डी की कंपनी ने चुनावी बांड में बीजेपी को दिया 5 करोड़
कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शरत रेड्डी को नवंबर 2022 में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के ठीक पांच दिन बाद उनकी कंपनी अरबिंदो फार्मा लिमिटेड ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 5 करोड़ रुपये के चुनावी बांड दिया है।
कुछ रिपोर्टों में ये भी दावा किया गया है कि अरबिंदो फार्मा से जुड़ी दो अन्य कंपनियों ने भी चुनावी बांड के जरिए भाजपा को 25 करोड़ रुपये का चंदा दिया है।