लखनऊ : प्रदेश के दो बड़े माफिया अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के जीवन का अंत रमजान के महीने में हुआ। दोनों की पत्नियों को आखिरी वक्त में अपने जीवन साथी का चेहरा देख पाना भी नसीब नहीं हुआ। जरायम की दुनिया में अपनी धाक जमाने वाले अतीक की हत्या आज भी रहस्य बनी हुई है। मुख्तार की बीमारी से हुई मौत के दावे पर उसके परिवार वाले सवाल उठा रहे हैं।
बता दें कि प्रयागराज में बीते वर्ष 15 अप्रैल को रमजान के दौरान माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन युवकों ने गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। दोनों को राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में रिमांड पर प्रयागराज लाया गया था। मेडिकल कराने के लिए उन्हें अस्पताल परिसर लाया गया था, जहां तीन युवकों ने पुलिस की मौजूदगी में दोनों को मार दिया। इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट कुछ दिन पहले ही शासन को सौंपी है। हालांकि इस रिपोर्ट को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। अतीक और अशरफ को सुपुर्दे खाक करने के दौरान उसकी पत्नी शाइस्ता और अशरफ की पत्नी जैनब मौजूद नहीं थीं।
अफशां की पुलिस और ईडी को तलाश
मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी का हाल भी अतीक की पत्नी शाइस्ता की तरह हो चुका है। पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए अफशा करीब तीन साल से भूमिगत है। उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा भी दर्ज है। गाजीपुर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। वहीं दूसरी ओर ईडी को भी मनी लांड्रिंग के केस में अफशा की तलाश है। तमाम नोटिस के बाद भी वह ईडी के सामने पेश नहीं हुई है। इसके अलावा आयकर विभाग भी अफशा का बयान दर्ज करने के लिए नोटिस देकर तलब कर चुका है। अब शनिवार को गाजीपुर में मुख्तार को सुपुर्दे खाक करने के दौरान अफशा के आने पर सबकी नजरें रहेंगी।