नईदिल्ली : उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के बाद एक सवाल जो सबके जहन में है कि मौत कैसे हुई? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है। वहीं मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी और भाई सांसद अफजाल अंसारी का दावा है कि उन्हें बांदा जेल में ‘धीमा जहर’ देकर मारा गया है। अब मुख्तार अंसारी की मौत का राज जल्द सामने आ जाएगा।
मुख्तार का ‘हार्ट’ और विसरा सैंपल भेजा गया लैब
मुख्तार अंसारी का दिल (हार्ट) और विसरा सैंपल अब जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा गया है। गौरतलब है कि किसी की मौत के बाद अगर पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराती है तो इस दौरान मृतक के शरीर से विसरल पार्ट यानी आंत, लीवर, किडनी, हार्ट जैसे अंगों का सैंपल ले लिया जाता है। इसे विसरा कहा जाता है।
मुख्तार अंसारी के दिल में लगे थे 10 चीरे
मुख्तार अंसारी का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने उसके दिल में 10 चीरा लगाया था। इमसें 1.9 गुणा 1.5 सेंटीमीटर भाग ब्लड क्लॉटिंग की वजह से पीला मिला था। रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में मुख्तार अंसारी का पोस्टमार्टम परिवार और वीडियोग्राफी के साथ किया गया था। जेल दस्तावेज के मुताबिक मुख्तार अंसारी हृदय रोग और अन्य बीमारियों से पीड़ित था। वह डिप्रेशन, स्किन एलर्जी और डायबिटीज से भी जूझ रहे थे।
डॉक्टरों ने 28 मार्च रात 8.25 बजे मुख्तार अंसारी की मौत की पुष्टि की थी। वहीं 29 मार्च को दोपहर दो बजे 5 डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच उसके शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम टीम को एसपीजीआई लखनऊ से आए हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र तिवारी लीड कर रहे थे।
रिपोर्ट के मुताबिक पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूरी होने के बाद मुख्तार का दिल (हार्ट) और विसरा सुरक्षित रख लिया गया था। उसके बाद शव को मुख्तार के बेटे उमर अंसारी को सौंप दिया गया था। पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक मुख्तार अंसारी का दिल और विसरा जांच के लिए लखनऊ लैब भेजा गया है। डॉक्टरों के पैनल ने विसरा इसलिए सुरक्षित रखा था क्योंकि परिजनों की तरफ से स्लो पॉइजन देने का आरोप लगाया था। लेकिन अब विसरा फॉरेंसिक जांच के बाद साफ हो जाएगा कि मौत की वजह क्या थी।