नईदिल्ली : दिल्ली के शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरविंद केजरीवाल जेल में बंद है। वहीं सोमवार को देश की सर्वोच्च न्यायालय में दिल्ली सीएम केजरीवाल के वकील ने बताया कि केजरीवाल की ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी अवैध है। इसके साथ ही केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी ने बताया कि केजरीवाल की जमानत के लिए उन्होंने जमानत याचिका क्यों दाखिल नहीं की?
दिल्ली के मुख्यमंत्री के वकील ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अरविंद केजरीवाल का नाम शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिसंबर 2023 तक 10 दस्तावेजों जिनमें सीबीआई आरोप पत्र और ईडी अभियोजन शिकायत शामिल है, उसमें केजरीवाल का नाम शामिल नहीं था, केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून के अनुसार बिना किसी पूछताछ या उनके बयान की रिकॉर्डिंग के बिना उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया था।
केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा गिरफ्तार करने की शक्ति गिरफ्तार करने की आवश्यकता के समान नहीं है। अपराध को सामने लाना होगा, केवल संदेह नहीं। यह धारा 45 पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) की सीमा भी है।
अंतरिम रिहाई की याचिका दाखिल की, हिरासत को बताया अवैध
केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है और अंतरिम रिहाई के लिए एक आवेदन दायर किया है, जिसमें तर्क दिया गया है कि गिरफ्तारी अवैध है, उसके बाद हिरासत में रखा जाना भी गैरकानूनी है।
निचली कोर्ट में क्यों नहीं दाखिल की याचिका
कोर्ट के यह पूछे जाने पर कि केजरीवाल ने निचली अदालत में जमानत के लिए याचिका क्यों नहीं दायर की, सिंघवी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ को बताया कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का व्यापक क्षेत्राधिकार है। बता दें दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सुरक्षा देने से इनकार करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था। मुख्यमंत्री फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। केजरीवाल ने तर्क दिया है कि अदालत द्वारा सुरक्षा देने से इंकार करना गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता।
केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा अंतरिम जमानत से इनकार गिरफ्तारी के लिए केजरीवाल के घर आने का आधार नहीं हो सकता। इस केस में गिरफ्तारी 1.5 साल तक नहीं हुई इसके बाद उन्हें घर से गिरफ्तार किया। उन्होंने वहां धारा 50 का बयान दर्ज नहीं किया।
गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित
अपने हलफनामे में केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसकी निंदा की है और तर्क दिया है कि इसका उद्देश्य मौजूदा आम चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ दल को अनुचित लाभ पहुंचाना था। उन्होंने तर्क दिया कि यह मामला राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का एक प्रमुख उदाहरण है।
ईडी ने जानें क्या दिया तर्क?
बता दें प्रवर्तन निदेशालय ने तर्क दिया है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी उनके “पूर्ण असहयोगात्मक रवैये” के कारण आवश्यक हो गई थी। हलफनामे में कहा गया है कि केजरीवाल नौ बार तलब किए जाने के बावजूद जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित नहीं होकर पूछताछ से बच रहे थे और पीएमएलए की धारा 17 के तहत अपना बयान दर्ज करते समय, वह टालमटोल और असहयोग कर रहे थे।