रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दो दिन की रिमांड पूरी होने पर रिटायर्ड आइएएस अनिल टुटेजा को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। टुटेजा अगले 14 दिन जेल में ही रहेंगे। शराब घोटाला केस में नई इसीआइआर दर्ज होने के बाद ईडी की टीम एक्शन मोड पर आ गई है। ईडी ने रिटायर्ड अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को हफ्तेभर पहले हिरासत में लिया था।
बेटे को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया और पिछले रविवार की सुबह ईडी ने गिरफ्तारी के बाद टुटेजा को कोर्ट में पेश किया। नियमित कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। तीन दिन बाद उन्हें ईडी ने अपनी रिमांड पर लिया और लंबी पूछताछ की। चार मई को टुटेजा की दो दिन की रिमांड मिली, जिसके बाद उन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया।
शराब घोटाला मामले में आठ अप्रैल को मनी लाड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की इसीआइआर को रद कर दिया था।जिसके बाद अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत छह आरोपितों को राहत मिली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दो दिन बाद ही इस केस में ईओडब्ल्यू की एफआइआर को आधार बनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने नई इसीआइआर दर्ज की थी।
इसके बाद ही ईडी ने फिर से कार्रवाई शुरू की। इसी की जांच के तहत रिटायर्ड आइएएस टुटेजा को हिरासत में लिया था। नई रिपोर्ट शराब घोटाले में मनी लाड्रिंग से जुड़ी हुई है, जो पूर्व की इसीआईआर में नहीं था। यही वजह है कि सालभर पहले वाली इसीआईआर को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। नई रिपोर्ट में ईडी ने अनिल टुटेजा को ही पूरे घोटाले और मनी लाड्रिंग का मास्टरमाइंड बताया है।
सिंडीकेट बनाकर रची घोटाले की साजिश
ईडी की ओर से कोर्ट में टूटेजा के खिलाफ पेश किए दस्तावेजों में आरोप लगाया है कि सरकार के पावरफुल अफसर होने की वजह से टूटेजा ने सिंडिकेट बनाकर पूरे घोटाले की साजिश रची।इस साजिश में उन्होंने ही कारोबारी अनवर ढेबर और अरूणपति त्रिपाठी को शराब की मार्केटिंग के लिए बनाए गए कार्पोरेशन का एमडी बनवाया था।
ईडी ने डेढ़ दर्जन पन्नों में गिरफ्तारी के लिए आधार तैयार किया था। इन पन्नों में ईडी ने बताया है कि शराब घोटाला क्या था? इस में अपराध कैसे हुआ? कैसे मनी लाड्रिंग की गई? और आखिर में इसमें अनिल टुटेजा की क्या भूमिका थी। ईडी ने अनिल टुटेजा को कथित शराब घोटाले का आर्किटेक्ट आफ लिकर स्कैम लिखा है।