छत्तीसगढ़

प्रेम के लिए छोड़ दी थी राजनीति: ईसाई लड़की को दिल दे बैठे थे सुशील मोदी, ट्रेन में हुई थी पहली मुलाकात

नईदिल्ली : भाजपा के दिग्गज नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी अब हमारे बीच में नहीं हैं, सोमवार रात उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। सुशील मोदी का एक लंबा राजनीतिक करियर रहा है। यूं कहें तो उन्होंने बिहार की राजनीति के बदलने में एक सक्रिय भूमिका निभाई थी। कैंसर की वजह से 72 साल की उम्र में दुनिया से विदाई लेने वाले सुशील मोदी की छवि दिलखुश और दिलदार नेता वाली थी।

विषम से विषम परिस्थितियों में भी वो मुस्कुराते रहते थे लेकिन सही को सही और गलत को गलत कहने में वो बिल्कुल भी हिचकिचाते नहीं थे इसलिए कुछ लोग उन्हें बगावती तेवर वाला नेता भी कहते थे। कुछ वक्त पहले एक यूट्यब चैनल से बातचीत करते हुए सुशील कुमार मोदी ने अपने जीवन के उन पहलुओं के बारे में बताया था जिसके बारे में ज्यादा किसी को पता नहीं था। उन्होंने बताया था कि वो छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य थे, जिससे तब आमतौर पर अविवाहित लोग ही जुड़ते थे।

इस बात से उनके घर वाले काफी नाराज रहा करते थे क्योंकि उन्हें भी लगता था कि सुशील मोदी अब शादी नहीं करेंगे, इमरजेंसी के दौरान जब वो दो-तीन बार जेल गए तो घरवाले और ज्यादा परेशान हो गए, उन्होंने तो ये तक कह दिया था कि वो किसी से भी शादी कर लें लेकिन कर लें और घर बसा लें क्योंकि ऐसा करने से सुशील मोदी का जीवन स्थिर हो जाएगा।

लेकिन सुशील मोदी ने अपने घरवालों की एक भी नहीं सुनते थे, उनके घरवाले सोचते थे कि सुशील मोदी पिता के साथ दुकान पर नहीं बैठना चाहते हैं इसलिए नेतागिरी करने लगे हैं। इसी बीच किस्मत ने करवट ली और सुशील कुमार मोदी की मुलाकात एक ट्रेन यात्रा में मुंबई के स्कूल की टीचर जेसी जॉर्ज से हुई, पहली मुलाकात में ही दोनों ने एक-दूसरे को पसंद कर लिया। 36 घंटे की यात्रा में जेसी और सुशील ने अपने आने वाले जीवन के सपने देख डाले, दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया लेकिन अब दोनों के बीच धर्म की दीवार खड़ी हो गई। दिक्कत सुशील मोदी के घर से नहीं थी लेकिन जेसी का ईसाई परिवार पहले इस शादी के लिए रेडी नहीं था।

सुशील मोदी ने राजनीति के ऊपर प्रेम को चुना

लेकिन मोदी के समझाने के बाद घरवाले शादी के लिए तैयार हुए लेकिन अब समस्या सुशील मोदी के सामने राजनीति जीवन को लेकर थी। अगर वो शादी करते तो एबीवीपी के कार्यकर्ता नहीं रहते लेकिन उन्होंने राजनीति के ऊपर प्रेम को चुना और जेसी से शादी कर ली। इस शादी में खुद पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी शामिल हुए थे।

अब आप भाजपा में आइए और देश की सेवा कीजिए-अटल बिहारी बाजपेयी

जहां उन्होंने ऐतिहासिक भाषण भी दिया था और कहा था कि ‘सुशील अब आप विवाहित हैं इसलिए अब एबीवीपी के विद्यार्थी नहीं हैं लेकिन अब आप भाजपा में आइए और देश की सेवा कीजिए।’ जिसके बाद से ही सुशील मोदी भाजपा से जुड़े और आखिरी सांस तक भाजपा के ही रहे। मालूम हो कि सुशील मोदी और जेसी जार्ज ने आर्य समाज के तरीके से शादी की थी।