नईदिल्ली : दुबई अनलॉक्ड’ प्रोजेक्ट की जांच रिपोर्ट में खुलासा किया गया है, कि दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने वाले विदेशी नागरिकों में सबसे ज्यादा भारतीय नागरिक हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, कि भारत के 29 हजार 200 लोगों ने दुबई में 35 हजार प्रॉपर्टी खरीदे हैं और इन संपत्तियों की कुल कीमत 17 अरब डॉलर से ज्यादा आंकी गई है। 2022 के सैंपल में भारत के बाद यूनाइटेड किंगडम के नागरिकों की संख्या है, जिनके पास 22,000 आवासीय संपत्तियां हैं, जो 19,500 लोगों ने खरीदे हैं, जिनकी कीमत 10 अरब डॉलर आंकी गई है।
वहीं, भारत और यूके के बाद सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी खरीदने वाले विदेशियों में सऊदी अरब का स्थान है, जहां के 8500 लोगों ने 16 हजार प्रॉपर्टी खरीदे हैं, जिसकी कीमत 8.5 अरब डॉलर आंकी गई है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है, कि संयुक्त अरब अमीरात के शहर दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने वालों में पाकिस्तानी भी पीछे नहीं हैं और एक तरफ जहां देश आर्थिक कंगाली में फंसा है, वहीं 17 हजार पाकिस्तानियों ने 23 हजार से ज्यादा प्रॉपर्टी खरीद लिए, जिसकी कीमत 12.5 अरब डॉलर के करीब आंकी गई है।
क्या है ‘दुबई अनलॉक’ जांच रिपोर्ट?
संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन सेंटर फॉर एडवांस्ड डिफेंस स्टडीज (C4ADS) ने सबसे पहले लीक हुआ डेटा हासिल किया। और इसके बाद इसे नॉर्वेजियन वित्तीय आउटलेट ‘ई24’ और संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP ) के साथ साझा किया गया, जिसमें दुनिया भर के कई मीडिया ऑउटलेट के साथ मिलकर इस इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है।
जांच से पता चला है कि दुबई के हाउसिंग मार्केट में विदेशी स्वामित्व 2022 में अनुमानित 160 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
कैसे रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रहा दुबई का प्रॉपर्टी बाजार?
जांच रिपोर्ट में पाया गया है, कि कई ऐसे फैक्टर हैं, जो अमीर लोगों को दुबई में प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए आकर्षित करते हैं। जिनमें सबसे बड़ा फैक्टर है, पश्चिमी देशों की तरफ से लगाए जाने वाला प्रतिबंध। अमीरों को पश्चिमी देशों के प्रतिबंध का डर सताता है, लेकिन दुबई में इस तरह के किसी भी प्रतिबंध का कोई डर नहीं है।
इसके अलावा, किसी और देश से अगर कोई अपराधी या कोई वित्तीय घोटाला करके कोई शख्स दुबई भागता है, तो वहां वो सुरक्षित हो जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि “हालिया समय तक, संयुक्त अरब अमीरात के ज्यादातर देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं रहे हैं, जिससे यह दुनिया भर के भगोड़ों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन गया था।”
रिपोर्ट में कौन शामिल है?
ओसीसीआरपी ने अपनी रिपोर्ट में पाया है, कि इन संपत्ति मालिकों को तीन श्रेणियों में रखा जा सकता है। एक- कथित अपराधी, दो- प्रतिबंधों का सामना करने वाले व्यक्ति, तीन- दुनिया भर से भ्रष्टाचारी नेता।
इस रिपोर्ट में सिर्फ उन मामलों में दुबई संपत्तियों के मालिकों का खुलासा किया गया है, जो सार्वजनिक हित की सेवा करते हैं। इसमें उन संपत्ति मालिकों को शामिल किया गया है, जो अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए हैं या आरोपी हैं, प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं, या सार्वजनिक अधिकारी या उनके सहयोगी हैं, जिनमें भ्रष्टाचार के आरोपी या तो शामिल हैं, या जिन्होंने अपनी संपत्तियों को जनता से छिपाकर रखा है। रिपोर्ट में उन लोगों के नाम शामिल नहीं हैं, जिनपर किसी तरह के कोई आरोप नहीं हैं।
अंबानी और अडानी के भी हैं दुबई में घर
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दुबई में सबसे कीमती प्रॉपर्टी वाले शीर्ष तीन अरबपति भारतीय हैं। इस सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, जिनकी दुबई वाली प्रॉपर्टी का अनुमानित मूल्य 240 मिलियन डॉलर है, लुलु समूह के चेयरमैन एम ए यूसुफ अली और परिवार, जिनकी अनुमानित संपत्ति मूल्य 70 मिलियन डॉलर है, और बुर्जील होल्डिंग्स के मालिक शमशीर वायलिल परमबाथ हैं, जिनकी संपत्ति का अनुमानित मूल्य 68 मिलियन डॉलर है।
अरबपति गौतम अडानी के बड़े भाई, विनोद अडानी भी फोर्ब्स की टॉप-10 लिस्ट में शामिल हैं, उनके पास लगभग 20 मिलियन डॉलर मूल्य की लगभग 17 अलग-अलग संपत्तियां हैं। हालाँकि, वह साइप्रस के नागरिक हैं। इसके अलावा, बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान, टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर, ब्रैड पिट, शिल्पा शेट्टी, अनिल कपूर सहित प्रमुख सार्वजनिक हस्तियां दुबई में संपत्ति रखने वाली मशहूर हस्तियों में से हैं।
हालांकि, इन सभी हस्तियों ने कानूनी आधार पर नियमों के मुताबिक दुबई में घर खरीदे हैं और जो लिस्ट जारी की गई है, वो उन लोगों की है, जिनके किसी ना किसी आरोपों में शामिल होने का शक है।