छत्तीसगढ़

नोट गिन-गिन मशीनें गर्म: जूता कारोबारियों पर छापे में 100 करोड़ की जब्ती, 30 घंटे तक 14 ठिकानों पर कार्रवाई

आगरा : आयकर विभाग के छापे में तीन जूता कारोबारियों से 100 करोड़ रुपये की जब्ती का अनुमान है। शनिवार दोपहर 12 से रविवार शाम छह बजे तक 14 ठिकानों पर छापा जारी था। आलोक नगर स्थित हरमिलाप ट्रेडर्स के रामनाथ डंग के घर से 60 करोड़ की नकदी मशीनों से गिनी जा चुकी थी।

जयपुर हाउस स्थित आलोक नगर में हरमिलाप ट्रेडर्स के रामनाथ डंग का घर है। घर में पलंग, अलमारी, जूते के डिब्बे, थैलों व दीवारों से भी 500-500 के नोटों की गड्डियां निकलीं। नोटों का जखीरा देखकर जांच टीमें भी दंग रह गई। उच्च अधिकारियों को बताने के बाद नोटों की गिनती के लिए 10 से अधिक मशीनें मंगानी पड़ीं। नोट गिनते-गिनते मशीनें गर्म हो गईं। स्टेट बैंक के कर्मचारियों की मदद लेनी पड़ी। आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा ने नोटों की गिनती कराई। एमजी रोड स्थित बीके शूज के अशोक मिड्डा और मंशु फुटवियर के हरदीप मिड्डा के घर, गोदाम, फैक्टरी व प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की गई है। 30 घंटे से अधिक समय तक 14 ठिकानों पर चली कार्रवाई से शहर के घरेलू जूता कारोबारियों में खलबली मची रही।

आयकर की जांच टीम में अन्वेषण शाखा के संयुक्त निदेशक डॉ. अमरजोत, उप निदेशक पंकज कुमार और उप निदेशक आशिमा महाजन शामिल रहीं। आयकर अधिकारियों ने जब्त की गई राशि की घोषणा नहीं की है। आयकर सूत्रों के अनुसार जब्त की गई राशि 100 करोड़ रुपये तक हो सकती है। जिनमें अधिकांश 500-500 के नोटों के बंडल है। आगरा में यह आयकर विभाग की अब तक का सबसे बड़ा छापा माना जा रहा है।

आय से अधिक संपत्ति के दस्तावेज भी मिले
आयकर जांच टीम को जूता कारोबारी हरमिलाप ट्रेडर्स के रामनाथ डंग के घर से आय से अधिक संपत्तियों के अलावा बैनामी संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं। जिन्हें टीम ने अपने कब्जे में लिया है। अन्य ठिकानों पर भी टैक्स में हेरफेर के दस्तावेज भी टीम के हाथ लगे हैं। कई दस्तावेजों में ब्याज का हिसाब-किताब भी दर्ज है। ऐसे में माना ज रहा है कि जूता कारोबारी बड़े पैमाने पर ब्याज पर रकम भी बांटता था।

पर्चियों से हुआ पर्दाफाश
आगरा में घरेलू जूता कारोबार में नकद का भुगतान पर्चियां से होता है। सात मई को मतदान था। ऐसे में पर्चियां नहीं भुनाई जा सकीं। चुनाव के बाद पर्चियां भुनाए जाने की सूचना और टैक्स में हेराफेरी की शिकायत आयकर अधिकारियों तक पहुंची। जिसके बाद उन्होंने छापा मारा। पर्चियों से टैक्स में हेराफेरी का पर्दाफाश हुआ है।