छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : ऑपरेशन में लापरवाही से महिला की मौत, परिजनों ने लगाया आरोप, दोषियों पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर-एसपी से लगाई गुहार

गरियाबंद : पेट दर्द का इलाज कराने पहुंची महिला के बच्चेदानी में कैंसर का आरंभिक लक्षण दिखा तो बगैर एक्सपर्ट ओपिनियन के निजी अस्पताल ने ऑपरेशन कर दिया. तबियत बिगड़ी तो एक माह तक अलग-अलग अस्पताल में रेफर करता रहा और अंतत: महिला की मौत हो गई. आदिवासी महिला की मौत के 10 दिन बाद आज परिजनों ने कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन देकर दोषियों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की मांग की.

मैनपुर ब्लॉक के कुल्हाड़ीघाट निवासी भागीरथी मरकाम आज अपने तीन बच्चे, मां और अन्य परिजनों के साथ जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंप न्याय की मांग की. पीड़ित ने ज्ञापन में 29 वर्षीय पत्नी गैंदी बाई का छुरा के एक निजी अस्पताल में लापरवाही पूर्वक ऑपरेशन करने के कारण मौत होने का आरोप लगाया है. आयुष्मान कार्ड में उपचार शुरू होने के बावजूद नगद भी लिया. परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है.

पति भागीरथी ने बताया कि पेट दर्द की शिकायत पर उसे अप्रैल माह में छुरा के लक्ष्मीनारायण अस्पताल में भर्ती कराया. आरंभिक जांच के बाद उसे अस्पताल ने 8 अप्रैल को भर्ती ले लिया. फिर बच्चेदानी में कैंसर का लक्षण बताकर 12 अप्रैल को ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के बाद लगातार गैंदी बाई की तबीयत बिगड़ती गई. इस बीच अस्पताल प्रबंधन अपने संपर्क के रायपुर, खरोरा, महासमुंद के अस्पताल में भेजता रहा. पत्नी दर्द से कराहती रही, इन सभी ने उपचार से हाथ खड़े कर दिए. अस्पताल बदलने से पहले हर बार छुरा निजी अस्पताल आते रहे. फिर 9 मई को गरियाबंद जिला अस्पताल भेजा गया. हालात नाजुक होने के कारण 10 मई को मेकाहारा रेफर किया गया. निजी अस्पताल की लापरवाही की घाव लिए महिला ने मेकाहारा में अंतिम सांस ली. 11 मई को पीड़िता का गांव में अंतिम संस्कार हुआ.

पीड़ित भागरथी के मुताबिक, भर्ती के बाद उसके आयुष्मान कार्ड से जो पैसा निकालना था निकाले. ठीक होने की आस में आने जाने से लेकर इलाज के नाम पर पीड़ित परिवार ने 6 लाख नगद भुगतान किया. गरीब पति इसके लिए बाइक, गहना तक गिरवी रखा.