छत्तीसगढ़

छत्‍तीसगढ़ : पुलिस ने चार अंतरराज्‍यीय शूटरों को किया गिरफ्तार, कोयला कारोबारियों से करते थे वसूली

रायपुर ।पुलिस ने झारखंड के अमन सिंह गैंग से जुड़े 4 शूटरों को गिफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों को छत्तीसगढ़ और झारखंड के बड़े कोयला कारोबारियों की हत्या की सुपारी मिली थी। इसके बाद इनमें से 3 शूटर रायपुर पहुंचे थे। जबकि एक को छत्तीसगढ़ पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार किया है।

रेंज IG अमरेश मिश्रा ने बताया कि, पकड़े गए शूटरों में पप्पू सिंह, देवेंद्र सिंह, रोहित स्वर्णकार और मुकेश कुमार है। इसमें पप्पू सिंह बाकी तीन शूटरों का मुखिया है और राजस्थान के पाली का रहने वाला है। पप्पू सिंह और उससे जुड़े शूटर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए भी काम कर चुके हैं।

अमन सिंह गैंग को कोयला कारोबारियों से लेवी नहीं मिलने पर हत्या करने की सुपारी दी गई थी। आरोपियों से कहा गया था कि कारोबारियों पर पिस्टल की पूरी मैगजीन खाली करनी है।

आरोपी पप्पू सिंह ने पुलिस को बताया कि, कारोबारियों की रेकी करने के लिए देवेंद्र सिंह और मुकेश कुमार भाट को बाइक राइडर बनाकर रायपुर भेजा था। जिससे किसी को शक न हो। इसके अलावा गली-मोहल्ले के बीच से बड़ी आसानी से भागने का रास्ता भी मिल जाए। इन दोनों आरोपियों को बस से रायपुर भेजा गया था।

इन चारों शूटरों में से एक रोहित स्वर्णकार बोकारो झारखंड का रहने वाला है। कारोबारियों की हत्या के लिए रोहित को पिस्टल मध्यप्रदेश के इंदौर के पास सेंधवा से मिली थी। यहां उसे एक लोडेड मैगजीन भी उपलब्ध कराई गई थी। रोहित ने लौटते के दौरान हथियार लेकर उज्जैन में महाकाल का दर्शन किए, फिर ट्रेन से रायपुर पहुंचा था।

इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के आधार पर पुलिस ने ऑपरेशन लॉन्च किया। इसके बाद करीब 72 घंटे के खुफिया ऑपरेशन के दौरान आरोपी देवेंद्र सिंह और मुकेश कुमार भाट को सादे कपड़ों में पुलिस ने भाटागांव चौक से पकड़ा। वहीं रोहित स्वर्णकार को रेलवे स्टेशन के पास गंज थाना इलाके से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद इन शूटरों के मुखिया पप्पू सिंह को पाली से अरेस्ट किया गया।

IG अमरेश मिश्रा ने बताया कि गैंग के मेंबर आपस में एक-दूसरे से इंटरनेट कॉलिंग में ही बातचीत करते थे। इसके अलावा ये कुछ ऐसे मैसेजिंग प्लेटफार्म का उपयोग करते थे, जिसमें चैटिंग ऑटोमैटिक डिलीट हो जाती है। आरोपियों ने कई कोड वर्ड भी रखे हुए थे, जैसे की राम-राम का मतलब पुलिस ने पकड़ लिया है और जय माता दी का मतलब सब ठीक है। इसके अलावा ये फोन पर एक-दूसरे को आर्मी और बीएसएफ जैसे नाम लेकर बुलाते थे।

बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में अमन साहू गैंग का मास्टर माइंड मयंक सिंह है। उसने ही पप्पू सिंह को सुपारी दी थी। इसके पहले एक-दो वारदातों में अमन साहू गैंग के लड़के पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे। इस वजह से इस बार मयंक सिंह ने सुपारी बाहर के बड़े गैंग को दी। पुलिस को फिलहाल फरार मयंक सिंह की लोकेशन मलेशिया में मिली है। वहीं से ये ऑपरेट कर रहा था।

इस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों के खिलाफ राजस्थान, झारखंड में पहले से कई मामले दर्ज हैं। इनमें पप्पू सिंह ने फरीदाबाद जेल में बंद एक गैंगस्टर के कहने पर अजमेर के एक पेट्रोल पंप में फायरिंग की थी। इसके अलावा रोहित स्वर्णकार पर झारखंड के बोकारो में कई करीब आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। अन्य आरोपियों पर भी आर्म्स एक्ट और आबकारी एक्ट के तहत मामले हैं।