नईदिल्ली : भारतीय मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने टी20 विश्व कप से पहले अमेरिका में रेतीले मैदानों में खेलने की चुनौती को लेकर बयान दिया है। रेतीले मैदानों की सतहें उन पिचों के बिल्कुल विपरीत हैं जिनकी भारतीय टीम आदी है। ऐसी पिचों पर खिलाड़ियों को ढलने में समय लगता है और चोट की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं।
द्रविड़ ने नासाउ काउंटी की सराहना की
न्यूयॉर्क के नासाउ काउंटी में नए मैदान और पिच बनाने के प्रयासों की सराहना करते हुए भारत के मुख्य कोच द्रविड़ ने कहा, ‘बहुत कम समय में इसे बनाकर तैयार करना सराहनीय है। आगे कहीं भी नए स्टेडियम को लेकर यह अच्छी खबर है। हालांकि, रेतीली जमीन खिलाड़ियों की फिटनेस की समस्याएं बढ़ाती हैं। रेत आधारित सतहों से शरीर पर अधिक दबाव पड़ सकता है। खासतौर पर फील्डिंग करते हुए घुटनों और हैमस्ट्रिंग पर असर पड़ सकता है। द्रविड़ ने खिलाड़ियों की कंडीशनिंग और चोट की रोकथाम के उपायों के महत्व पर भी जोर दिया।
दुबे-अर्शदीप ने कही यह बात
वहीं, शिवम दुबे ने बीसीसीआई टीवी पर कहा- खिलाड़ियों के लिए यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण है और इतना आसान नहीं है। अर्शदीप सिंह ने कहा- ऐसा इसलिए है क्योंकि मैदान रेत आधारित है और आपको अपनी लय सही बनानी होगी। जबकि द्रविड़ ने कहा- जमीन थोड़ी नरम है। इसलिए हमारे लड़कों के हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों पर थोड़ा सा दबाव पड़ेगा। इस पर हम थोड़ा काम कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि सब अपना ध्यान रखें। ऐसे मैदान कभी-कभी भारी लगता है और कभी-कभी थोड़ा स्पंजी लगता है।
हैमस्ट्रिंग चोट की समस्या बढ़ जाती है
रेत आधारित मैदान खिलाड़ियों के हैमस्ट्रिंग चोट के मुख्य कारणों में से एक है। आईपीएल 2020 में भी रेत आधारित मैदान एक बड़ा मुद्दा बना था। तब संयुक्त अरब अमीरात में हुए टूर्नामेंट के दौरान रेत-आधारित मैदानों पर काफी खिलाड़ी चोटिल हुए थे। तब भारत के कप्तान रोहित शर्मा सहित कम से कम पांच भारतीय खिलाड़ियों को हैमस्ट्रिंग चोट या खिंचाव का सामना करना पड़ा था।
भारत में कई मैदानों के आउटफील्ड में मिट्टी मिली हुई है और ऊपर केवल रेत की एक महीन परत है। लेकिन संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका में आउटफील्ड पूरी तरह से रेत से बने होते हैं, जो नरम होते हैं और बहुत अधिक दबाव डालते हैं।