नईदिल्ली : पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि रंजन स्वैन ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार लॉन्च पैड सक्रिय हैं। करीब 70 आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में हैं। सीमा पर सुरक्षाबल पूरी सतर्कता के साथ तैनात हैं। दुश्मन के किसी भी नापाक इरादे को कामयाब नहीं होने देंगे। सुरक्षा को लेकर हुई विभिन्न बैठकों में यह निष्कर्ष सामने आया है कि सीमा पार से घुसपैठ कर आतंकियों, हथियार नशे की खेप को भेजने के प्रयास अब भी किए जा रहे हैं, जिन्हें सतर्क सुरक्षा बल नाकाम बना रहे हैं।
एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से डीजीपी ने कहा कि अलग-अलग स्थानों पर पांच या छह के समूहों में लगभग 60-70 घुसपैठिये सीमा में घुसने की फिराक में हैं। सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस पूरी तरह से दृढ़ हैं कि विरोधी को सफल नहीं होने देंगे। इन नापाक साजिशों को समय-समय पर विफल भी किया गया है। अभी भी खतरा है। प्रदेश में अस्थिरता लाने की दुश्मन बार-बार चाल चल रहा है, जिसे विफल बनाने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।
आतंकियों की संख्या मात्र 22, विदेशी आतंकवाद चुनौती
डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में सक्रिय स्थानीय आतंकवादियों की संख्या अब केवल 22 रह गई है। आतंकवाद का केंद्र बिंदु अब स्थानीय आतंकवाद से विदेशी आतंकवाद की ओर स्थानांतरित हो गया है। अब सक्रिय आतंकियों की संख्या बहुत कम रह गई है। विदेशी आतंकवाद एक चुनौती के रूप में उभर रहा है। विदेशी आतंकी असहाय नागरिकों को निशाना बनाते हैं। उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चार-पांच साल पहले सक्रिय स्थानीय आतंकवादियों की संख्या 150 से 200 के बीच थी, जो अब घटकर केवल 20-22 रह गई है। वर्तमान में सुरक्षा चुनौतियां मुख्य रूप से बाहरी हैं। हालांकि विदेशी तत्व पहले भी वहां मौजूद थे, लेकिन वर्तमान में आतंकवाद का फोकस स्थानीय से हटकर विदेशी आतंकवाद की ओर हो गया है, क्योंकि हमारे यहां बहुत कम स्थानीय दहशतगर्द सक्रिय हैं। कई बार वे सुरक्षा बलों से भी भिड़ जाते हैं। सीमा से घुसपैठ कर लोगों को मारने का काम सौंपा जाता है, जिन्हें वे बिल्कुल नहीं जानते। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां विदेशी आतंकवादियों के तौर-तरीकों को समझ रही हैं। हम उन्हें बहुत जल्द पूरी तरह से विफल कर देंगे।
सीमापार से घुसपैठ करने वाले ड्रोन बड़ी चुनौती
स्वैन ने कहा कि ड्रोन से घुसपैठ की गतिविधियां महत्वपूर्ण चुनौती पेश कर रही हैं। ड्रोन के जरिये आतंकवादी हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, नकदी और मादक पदार्थों की तस्करी करते हैं। हम पहले के मुकाबले अब इस खतरे से निपटने में काफी बेहतर स्थिति में आ गए हैं। लेकिन इन गतिविधियों को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए निरंतर सतर्कता की जरूरत है।
लोकसभा चुनाव में पुलिस ने छह हजार वाहन किराए पर लिए
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के लिए पुलिस ने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों के जवानों को लाने-ले जाने और तैनात करने के लिए 6000 वाहन किराए पर लिए थे। मतदान केंद्रों, मतदान सामग्री की सुरक्षा और सामग्री और लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना एक बड़ा काम था। हम लोकसभा चुनावों में लोगों की भारी भागीदारी देखकर खुश हैं। पुलिस ने सेना और केंद्रीय बलों जैसी अन्य एजेंसियों के लिए प्रमुख समन्वय सुरक्षा एजेंसी के रूप में काम किया। सुरक्षा बलों की ओर से उम्मीदवारों के लिए शांतिपूर्ण प्रचार माहौल सुनिश्चित किया गया। लोकसभा चुनावों में लोगों की भागीदारी ने एक अच्छी सुरक्षा व्यवस्था की नींव रखी है।