छत्तीसगढ़

उत्तर प्रदेश में करारी हार के बाद योगी को हटाएगी भाजपा, क्या सच होगी केजरीवाल की बात?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। शुरुआती रुझान में भाजपा के साथ-साथ सहयोगी दलों को भी झटका लगता दिख रहा है। अपना दल एस मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीटों पर पिछड़ती दिख रही है। वहीं, सुभासपा को घोसी लोकसभा सीट पर झटका लगता दिख रहा है। अब तक के आए रुझानों में भाजपा कई सीटों पर पिछड़ती दिख रही है। इंडिया गठबंधन प्रदेश की 80 में से 42 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। वहीं, भाजपा के नेतृत्व में एनडीए 37 सीटों पर आगे है। एक सीट पर आजाद समाज पार्टी को जीत मिलती दिख रही है। इस प्रकार की स्थिति में आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का एक बयान खासी चर्चा में है। उन्होंने दावा किया था कि लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में सत्ता परिवर्तन होगा। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद से हटाए जाएंगे।

केजरीवाल ने क्या कहा था?

लखनऊ में इंडिया गठबंधन के प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर बड़ा दावा किया था। केजरीवाल ने कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली आए थे। उन्होंने मुझे गालियां दीं। योगी जी, मैं आपसे विनम्रता से कहना चाहता हूं कि आपके असली दुश्मन आपकी ही पार्टी में हैं। भाजपा में अपने दुश्मनों से लड़िए। आप केजरीवाल को गाली क्यों दे रहे हैं?

अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह आपको हटाना चाहते हैं। आपको यूपी के सीएम की कुर्सी से हटाने की पूरी तैयारी चल रही है। आप उनसे निपटिए। केजरीवाल ने लोगों से कहा था कि इंडिया को बचाना है तो इंडिया गठबंधन को जिताना है।

क्या होगा बदलाव?

यूपी के वोटिंग पैटर्न में बड़ा बदलाव होता दिख रहा है। भाजपा बड़े स्तर पर पिछड़ती दिख रही है। पार्टी को 30 से अधिक सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। वहीं, कांग्रेस इस बार बड़ी बढ़त बनाती दिख रही है। 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस एक बार फिर प्रदेश में बड़ी बढ़त बनाती दिख रही है। वहीं, समाजवादी पार्टी अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने की कगार पर है।

1992 में समाजवादी पार्टी के गठन के बाद से अब तक का शानदार प्रदर्शन है। पार्टी 35 सीटों पर बढ़त बनाती दिख रही है। इससे इंडिया गठबंधन की रणनीति बेहतर तरीके से जमीन पर उतरती दिखी। वहीं, भाजपा के पक्ष में माहौल बनता नहीं दिख पाया। ऐसे में भाजपा प्रदेश नेतृत्व में बदलाव की रणनीति पर काम कर सकता है। इस पर चर्चा शुरू हो गई है।