छत्तीसगढ़

कुवैत में लालच की इमारत में ठूंस रखे थे भारतीय, तंग रास्ते की वजह से समय पर बाहर नहीं निकल पाए

कुवैत सिटी : कुवैत की एक इमारत में बुधवार को लगी भीषण आग में कई भारतीयों की मौत हो गई। हादसा दक्षिणी अहमदी गवर्नरेट के मंगाफ क्षेत्र की इमारत में हुआ। कुवैत की आबादी में 21 फीसदी हिस्सेदारी भारतीयों की है। वहीं, कुवैत की कामकाजी आबादी में 30 फीसदी हिस्सा भारतीयों का है।

इमारत में कितने लोग रहते थे?
कुवैती मीडिया के मुताबिक, जिस इमारत में आग लगी, वह छह मंजिला है। वहां 196 लोग रहते हैं। इनमें से ज्यादातर भारतीय श्रमिक हैं। इनमें भी अधिकतर केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बताए जा रहे हैं।

 

आग कैसे लगी?
आग किचन से फैली। बताया जा रहा है कि सिलेंडर में विस्फोट होने के बाद आग पूरी इमारत में फैल गई। हादसा स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजे के करीब हुआ। 

कितने भारतीय हताहत?
हादसे में अब तक 49 लोगों की मौत होने की खबर है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने कुवैत में रहने वाले भारतीय समुदाय के हवाले से खबर दी है कि मरने वालों में 41 भारतीय हैं, जिनमें 11 केरल से हैं। वहीं, कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया था कि घायलों में 30 से ज्यादा भारतीय हैं। राजदूत आदर्श स्वाइका ने घायलों से अल-अदन अस्पताल में मुलाकात की है।

कैसे बच सकती थीं जानें?
जिस इमारत में आग लगी, उसे एनबीटीसी ग्रुप ने किराए पर ले रखा है। चश्मदीदों ने बताया कि इमारत से आवाजाही के एक रास्ते को अवरुद्ध कर रखा था। बाहर आने का रास्ता तंग होने की वजह से आग में फंसे लोग समय पर और तेजी से बाहर नहीं निकल सके। अगर रास्ता अवरुद्ध नहीं होता और इमारत में जरूरत से ज्यादा लोगों को नहीं रखा जाता तो कई जानें बच सकती थीं। 

कुछ मजदूर नींद में थे। उनमें से कुछ की दम घुटने से मौत हो गई। एक चश्मदीद ने बताया कि पांचवीं मंजिल से एक मजदूर ने बालकनी के सहारे निकलने की कोशिश की, लेकिन बदकिस्मती से बालकनी के किनारे पर फंसने से उसकी मौत हो गई। वहीं, केरल के रहने वाले और कुवैत में ड्राइवर की नौकरी करने वाले शमीर आग लगने के बाद अपने फ्लैट से नीचे कूद गए, जिससे उनकी मौत हो गई।  

यह हादसा लालच का नतीजा’
कुवैत के गृह मंत्रालय ने बताया कि नियम तोड़ने वाले इमारत के मालिकों पर कार्रवाई की जाएगी। कुवैत के गृह मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबा ने पुलिस को इमारत के मालिक, इमारत का रखरखाव करने वाले व्यक्ति और यहां रहने वाले मजदूर जिस कंपनी में काम करते हैं, उसके मालिक को गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं। गृह मंत्री ने कहा कि यहां जो हुआ, वह मजदूरों को नौकरी देने वाली कंपनी और इमारत के मालिकों के लालच का नतीजा है। रिहाइशी इमारतों में मजदूरों को ठूंसकर रखने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

शमीर घबराहट में फ्लैट से कूदा होगा: परिजन
इमारत में आग लगने से मारे गए लोगों में केरल का शमीर उमरूद्दीन भी शामिल है। शमीर के रिश्तेदारों ने कहा कि हो सकता है कि वह घबराहट में फ्लैट से कूद गया हो। व्यांकारा (शूरानाडु-कायमकुलम मार्ग) निवासी समीर कुवैत में ड्राइवर के रूप में काम करता था। वह उमरूद्दीन और सफीना का बेटा था। शमीर की शादी सुरुमी से हुई थी। 

शमीर के करीबी रिश्तेदार सफेदु ने कहा, हमें दोपहर करीब 12 बजे फोन आया कि उनके निधन की खबर है। हमें जो फोटो मिली है, उससे आशंका जताई जा रही है कि वह इमारत से कूद गया होगा। बताया जा रहा है कि आग लगने के बाद पूरी इमारत धुएं से भर गई। शमीर के साथ काम करने वाले शूरानाडु के एक अन्य निवासी का पैर फ्रैक्चर हो गया है और उसे अ्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा, हम शमीर के शव को घर लाने के लिए जिम्मेदार लोगों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। 

दो साल पहले ही शमीर की शादी हुई थी। चार दिन पहले उसने कुवैत से अपने माता-पिता और परिवार को फोन किया था। वह नौ महीने पहलेघर आया था। परिजनों के मुताबिक जल्द ही उसका घर आने का प्लान था। उसकी मौत से पूरा गांव शोक में है। शमीमर के तीन भाई हैं।