नोएडा: नोएडा सेक्टर-20 कोतवाली पुलिस ने प्रतिबंध ई-सिगरेट की बिक्री करने वाले तीन लोगों को हिरासत में लिया है। आरोपियों की निशानदेही पर एक करोड़ रुपये की 2500 ई-सिगरेट बरामद की गई हैं। पुलिस मामले में गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश के साथ बिक्री करने वाले सरगना की तलाश कर रही है।
कुछ माह पहले ही नोएडा की कोतवाली सेक्टर-39 पुलिस ने चीन से नेपाल के रास्ते प्रतिबंधित ई-सिगरेट की तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा किया था। एक सूचना पर पुलिस ने सेक्टर-41-42 कट के पास से गिरोह के दो तस्करों को गिरफ्तार किया था।
नोएडा जोन के डीसीपी विद्यासागर मिश्र ने बताया था कि दोनों आरोपी नेपाल में बैठे मास्टरमाइंड रिंकू से ई-सिगरेट की खेप लेते थे और सड़क मार्ग से दिल्ली-एनसीआर लाते थे। दोनों ई-सिगरेट की खेप नेपाल से लेकर रोहिणी (दिल्ली) जा रहे थे, तभी दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
तस्करों का गिरोह नेपाल से चल रहा है। नेपाल में सरगना रिंकू चीन से प्रतिबंधित ई-सिगरेट मंगवाकर नेपाल में स्टॉक करता है और वहां से भारत के कई राज्यों और शहरों में तस्करी करवाता है। दिल्ली में ई-सिगरेट किसको देनी है इसकी जानकारी रिंकू गिरोह के जुड़े तस्करों को दिल्ली पहुंचने के बाद ही देता है। तस्करी के लिए आरोपी हमेशा रूट बदलते रहते हैं।
चार से आठ हजार तक है कीमत
तस्करों से बरामद ई-सिगरेट की कीमत चार से आठ हजार रुपये तक है। दोनों तस्कर नेपाल से ढाई से चार हजार रुपये तक में एक ई-सिगरेट खरीदते थे। इसके बाद एनसीआर में छह से आठ हजार रुपये प्रति ई-सिगरेट बेचते हैं। ई-सिगरेट को महंगे बार, क्लब और युवाओं को उपलब्ध कराया जाता था। ब्रिकी के लिए युवाओं को टारगेट किया जाता है। नोएडा के कई नामी विश्वविद्यालयों के छात्रों तक भी ई-सिगरेट पहुंचाने की जानकारी मिली है।
पीलीभीत और खटीमा के रास्ते लाते हैं
गिरफ्तार तस्करों ने बताया कि प्रतिबंधित ई-सिगरेट को दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचाने के लिए पीलीभीत और खटीमा के रास्ते लाते हैं। पीलीभीत और खटीमा के आसपास भी गिरोह के तस्कर हैं और उन्हें इसके लिए कुछ रकम दी जाती है। अब पुलिस उन स्थानों का पता लगा रही है, जहां ई-सिगरेट की खपत होती है। वहीं, गिरोह के नोएडा-दिल्ली में सक्रिय एजेंट के बारे में पता लगा रही है।
यह होती है ई-सिगरेट
ई-सिगरेट एक तरह की इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलिवरी सिस्टम डिवाइस है। यह डिवाइस बैटरी से चलता है और निकोटिन को शरीर तक पहुंचाता है। ई-सिगरेट में सामान्य सिगरेट की तरह तंबाकू नहीं भरा होता और न ही इसे पीने के लिए जलाने की जरूरत होती है। बहुत सी ई-सिगरेट को पीने पर धुआं भी नहीं निकलता है।
इसमें तंबाकू की जगह एक कार्टेज में लिक्विड निकोटिन भरा रहता है। खत्म होने पर कार्टेज को दोबारा से भरा जा सकता है। सिगरेट के दूसरे छोर पर एलईडी बल्ब लगा होता है जो कश लगाने पर जलता है। यह लिक्विड निकोटिन गर्म होकर भाप बन जाता है। इस तरह ई-सिगरेट पीने वाले लोग धुएं की बजाय भाप खींचते हैं।