नईदिल्ली : चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव में ईवीएम में छेड़छाड़ के मामले में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सहित आठ उम्मीदवारों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। बता दें कि इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने 26 अप्रैल को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में हेरफेर के संदेह को निराधार बताया था। इसके साथ ही पेपर बैलेट प्रणाली को बहाल करने की मांग को भी खारिज किया गया था। हालांकि उसी दौरान सर्वोच्च अदालत ने असफल उम्मीदवारों को एक विकल्प दिया था। अदालत ने कहा था कि चुनाव परिणाम में दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले उम्मीदवार प्रत्येक चुनावी क्षेत्र से पांच प्रतिशत ईवीएम के सत्यापन के लिए लिखित अनुरोध कर सकते हैं। कोर्ट ने इस प्रक्रिया के लिए चुनाव आयोग को एक निश्चित शुल्क निर्धारित करने की अनुमति दी थी।
इन्होंने किया आवेदन
महाराष्ट्र के अहमदनगर से भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार सुजय विखे पाटिल ने 40 मतदान केंद्रों की मशीनों के सत्यापन की मांग की है। पाटिल को लोकसभा चुनाव में राकांपा (एसपी) प्रत्याशी नीलेश लंके ने हराया था। इसके अलावा भाजपा उम्मीदवारों ने तमिलनाडु के वेल्लोर और तेलंगाना की जहीराबाद सीटों से ईवीएम सत्यापन की मांग की है। हरियाणा की करनाल और फरीदाबाद सीट, छत्तीसगढ़ की कांकेर सीट से कांग्रेस उम्मीदवारों ने ईवीएम सत्यापन की मांग की है। चुनाव आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार आंध्र प्रदेश में युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और तमिलनाडु में देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कड़गम ( डीएमडीके ) के एक-एक उम्मीदवार ने भी सत्यापन के लिए आवेदन किया है। चुनाव आयोग के मुताबिक कुल छह राज्यों की आठ संसदीय सीटों के उम्मीदवारों ने ईवीएम के सत्यापन की मांग की है। कुल मिलाकर 92 मतदान केंद्रों की मशीनों के सत्यापन की मांग की गई है।
1 जून को चुनाव आयोग द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई थी। दूसरे या तीसरे स्थान पर आने वाले उम्मीदवार अगर ईवीएम का सत्यापन कराना चाहते हैं तो उन्हें प्रति ईवीएम 47200 रुपये का भुगतान करना होगा।