मुंबई : पुणे हिट एंड रन केस में आरोपी नाबालिग लड़के के पिता को जिला न्यायालय से जमानत मिल गई है. उसके खिलाफ लापरवाही मामले में केस दर्ज किया गया था. इस केस में 10 जून को कोर्ट में सुनवाई हुई थी. दलीलें पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. आरोपी नाबालिग लड़के के पिता विशाल अग्रवाल के खिलाफ अभी दो मामले लंबित हैं. इसमें पहला, परिवार के ड्राइवर का अपहरण और उसे धमकाकर गुनाह कबूल करवाना है. दूसरा मामला ब्लड सैंपल में हेराफेरी से जुड़ा है.
आरोपी के मामले में दायरप्रत्यक्षीकरण याचिका परशुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने पूछा कि पहले नाबालिग आरोपी को जमानत देना और फिर हिरासत में लेना और सुधार गृह में रखना क्या कैद के समान नहीं है? कोर्ट ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हादसा दुर्भाग्यपूर्ण था. दो लोगों की जान चली गई. हादसा तो दर्दनाक था ही लेकिन किशोर भी ट्रॉमा में था.
300 शब्दों का निबंध लिखवाने के बाद जेजेबी ने दी थी जमानत
19 मई की सुबह आरोपी किशोर तेज रफ्तार में पोर्श कार चला रहा था और नशे में था. उसने एक बाइक को टक्कर मारी. इससे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों (अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा) की मौत हो गई. हादसे वाले दिन ही जेजेबी (किशोर न्याय बोर्ड) से उसे जमानत मिल गई. बोर्ड ने उससे सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा था. साथ ही आदेश दिया था कि उसको परिवार की निगरानी में रखा जाए.
किशोर को अवैध रूप से हिरासत में रखा गया
आरोपी को जिस तरह जमानत मिली, उससे देश में हंगामा मच गया था. इसके बाद पुलिस ने जेजेबी से जमानत आदेश में संशोधन की अपील की. 22 मई को बोर्ड ने आरोपी को हिरासत में लेने का आदेश दिया. इसके बाद उसे सुधार गृह में भेजा. एक सप्ताह पहले उसकी बुआ ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी. इसमें दावा किया था कि अवैध रूप से उसे हिरासत में रखा गया है. उन्होंने रिहाई की मांग की.