नईदिल्ली : पूर्व भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभीर के राहुल द्रविड़ के बाद टीम इंडिया का मुख्य कोच बनने की चर्चा तेज है। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने गंभीर का साक्षात्कार लिया था और माना जा रहा है कि गंभीर इस दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। इस चर्चा के बीच गंभीर ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है और कहा कि वह इतना आगे नहीं देख रहे हैं और इस बारे में अभी जवाब देना उनके लिए मुश्किल है।
द्रविड़ का कार्यकाल विश्व कप के बाद होगा समाप्त
भारतीय टीम के मौजूदा मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल अमेरिका और वेस्टइंडीज में खेले जा रहे टी20 विश्व कप के बाद समाप्त हो जाएगा। द्रविड़ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह आगे इस जिम्मेदारी को नहीं निभाएंगे। बीसीसीआई ने कोच की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी थी और इसके लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि भी समाप्त हो चुकी है। हालांकि, बोर्ड ने अब तक इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी है।
आईपीएल में गंभीर का रहा है सराहनीय रिकॉर्ड
गंभीर ने इस हफ्ते के शुरू में बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति को वर्चुअल साक्षात्कार दिया था और उन्हें भारत के अगले मुख्य कोच के तौर पर प्रबल दावेदार माना जा रहा है। 42 वर्षीय गंभीर ने कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को हाल में टीम मेंटर के तौर पर आईपीएल का तीसरा खिताब दिलाने में मदद की। मालूम हो कि गंभीर के नेतृत्व में ही केकेआर ने 2012 और 2014 में आईपीएल का खिताब जीता था और उनके मेंटर बनते ही टीम ने 10 साल का सूखा समाप्त कर फाइनल में सनराइजर्स हैदराबाद को हराकर आईपीएल 2024 का खिताब जीता था।
कोच के सवाल पर चुप रहे गंभीर
गंभीर से जब मुख्य कोच बनने की संभावना के बारे में पूछा गया तो वह चुप रहे। उन्होंने कहा, मैं इतना आगे नहीं देखता हूं। आप मुझसे सभी मुश्किल सवाल पूछ रहे हैं। अभी जवाब देना मुश्किल है। मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि मैं अभी खुश हूं, अभी एक शानदार यात्रा खत्म हुई है और इसका लुत्फ उठा रहा हूं। मैं अभी बहुत खुश हूं।
‘पहले टीम को रखने की विचारधारा महत्वपूर्ण’
गंभीर ने कहा, अगर आपका इरादा किसी व्यक्ति से पहले टीम को आगे रखने का है तो चीजें अपने आप ठीक हो जाएंगी। आज नहीं तो कल, कल नहीं तो किसी और दिन, यह ठीक हो जाएगा। लेकिन अगर आप किसी एक या दो खिलाड़ियों को प्रदर्शन करने में मदद करते हो तो आपकी टीम का ही नुकसान होगा। मेरा काम व्यक्तिगत खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन कराना नहीं है। बल्कि मेंटर के तौर पर मेरा काम केकेआर को जीत दिलाना था। मेरे लिए गुरु मंत्र पहले टीम को रखना है। मुझे लगता है कि पहले टीम को रखने की विचारधारा किसी भी टीम खेल में सबसे महत्वपूर्ण है।
गंभीर ने कुछ मौकों पर भारत की कप्तानी भी की। इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि उनके लिए टीम में सभी सदस्यों के साथ समान व्यवहार करना अहम है। उन्होंने कहा, टीम खेलों में, टीम सबसे अधिक मायने रखती है। खिलाड़ी भूमिका निभाते हैं, व्यक्तिगत खिलाड़ी योगदान देते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि अगर 11 लोगों के साथ समान व्यवहार किया जाए और अगर 11 लोगों को समान सम्मान मिले, समान जिम्मेदारी दी जाए तो आप अभूतपूर्व सफलता प्राप्त करेंगे। आप भेदभाव नहीं कर सकते।