जगदलपुर। अबूझमाड़ के कोड़तामेटा क्षेत्र के घमंडी व हिकुलनार के जंगल में सुरक्षा बल ने 72 घंटे अभियान चलाकर वहां नक्सलियों के हथियार बनाने के अस्थायी डेरे को ध्वस्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस डेरे में नक्सलियों के शीर्ष स्तर के केंद्रीय समिति के नेता सोनू उर्फ भूपति, कोसा व माड़ डिविजन की प्रभारी दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य माड़ डिवीजन की सचिव रनिता उर्फ जयमति सहित 70 से 80 नक्सली उपस्थित थे, पर सुरक्षा बल के आने की भनक लगने के बाद वे वहां से भाग खड़े हुए। पीछे रह गई टीम के साथ सुरक्षा बल की मुठभेड़ हुई है।
पुलिस के अनुसार नक्सल डेरे से मिले लेत मशीन, बीजीएल(बैरल ग्रेनेड लांचर) के खाली खोखे, होंडा कंपनी का जनरेटर, स्प्रिंग, खाली पाइप सेल व अन्य मशीनों से इस बात की पुष्टि हुई है कि इस डेरे का उपयोग नक्सली देशी हथियार बनाने के लिए करते थे। मुठभेड़ में सुरक्षा बल ने पांच नक्सलियों को मार गिराया था, जिनकी पहचान केंद्रीय समिति सदस्य के सुरक्षा सदस्य के रुप में हुई है। मारे गए सभी नक्सली पीपुल्स लिब्रेशन गुरिल्ला आर्मी कंपनी नंबर एक के सदस्य थे। तीन घायल नक्सली को भी सुरक्षा बल ने घटनास्थल से पकड़ा है।
घटनास्थल के अलग-अलग स्थानों से एक 303 रायफल, दो 315 बोर रायफल, दो मजल लोडिंग रायफल, एक बीजीएल लांचर, छह बीजीएल सेल व भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ सहित अन्य नक्सली दैनिक उपयोगी सामान मिले हैं। घटनास्थल में खून के धब्बे दिखाई दिये हैं, जिससे प्रतीत होता है कि मुठभेड़ में बड़ी संख्या में अन्य नक्सली घायल अथवा मारे गए हैं। वर्ष 2024 में अब तक बस्तर संभाग के अंतर्गत हुए विभिन्न मुठभेड़ में कुल 136 नक्सलियों के शव मिले हैं। इसमें सर्वाधिक जिला बीजापुर- 51, कांकेर-34 व नारायणपुर- 31 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है।
पुलिस के अनुसार मारे गए सभी नक्सली पीएलजीए कंपनी नंबर एक व केंद्रीय समिति सदस्य के सुरक्षा टीम में थे। सभी नक्सली आठ-आठ लाख रुपये सहित कुल 40 लाख रुपये के ईनामी थे। मारे गए नक्सलियों की पहचान राकेश उम्र 35 वर्ष, कोंडा तोगड़ा उम्र करीबन 30-35 वर्ष, एडमा वड्डे उम्र 40 वर्ष, कमलू वड्डे उम्र 40 वर्ष, फरसा तुमड़ा उम्र 30 वर्ष के रुप में हुई है।
घायल नक्सली पकड़ाये, खोलेंगे भेद
पुलिस के अनुसार नक्सल विरोधी अभियान के दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा बल को नुकसान पहुंचाने के नीयत से दो आइईडी विस्फोट किया और घात लगा कर सुरक्षा बलों को जान से मारने की नीयत से गोलीबारी की है। जवाबी कार्यवाही में सुरक्षा बल ने घेराबंदी कर तीन नक्सली गोर्रा वड्डे निवासी घमंडी, बुद्धू कुमड़ा निवासी घमंडी, कोसा निवासी घमंडी को पकड़ा है। इसमें गोर्रा व बुद्धु घायल हैं, जिनका उपचार अस्पताल में जारी है। पुलिस के अनुसार पकड़े गए नक्सली कई भेद उजागर कर सकते हैं।
बस्तर आइजीपी सुंदरराज पी. ने कहा, सुरक्षा बलों ने मानसून में भी क्षेत्र के भौगोलिक विकट परिस्थितियों से निपटते हुए अदम्य साहस का परिचय देते हुए नक्सलियों से लड़ते हुए नक्सल विरोधी “माड़ बचाओ अभियान” को सफल बनाया गया। यह नक्सलियों के विरूद्ध कड़ा प्रहार है। लगभग 40 वर्ष से माड़ नक्सलवाद हिंसा व भय से ग्रस्त है लेकिन अब यहां के मूलवासी व ग्रामीण हिंसा भय एवं नक्सलवाद से मुक्त माड़ की कल्पना कर रहे हैं। नक्सलियों से अपील है कि शासन की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति को अपनाकर समाज के मुख्य धारा से जुड़े।