नईदिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हाल ही में पूर्व भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभीर को टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया था। गंभीर के पदभार संभालने से पहले ही बोर्ड ने उन्हें झटका दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, गंभीर ने फील्डिंग कोच के लिए जोंटी रोड्स का नाम प्रस्तावित किया था जिसे बोर्ड ने स्वीकार नहीं किया है। रोड्स दुनिया के बेहतरीन फील्डर माने जाते हैं, लेकिन बीसीसीआई का मानना है कि सहायक स्टाफ भारतीय ही होना चाहिए।
रोड्स और गंभीर इससे पहले आईपीएल फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपरजाएंट्स के साथ काम कर चुके हैं। गंभीर इस टीम के मेंटर रह चुके हैं। हालांकि, बीसीसीआई सहायक स्टाफ किसी भारतीय को ही रखना चाहता है। यह परंपरा पिछले सात साल से जारी है और फिलहाल बोर्ड इसमे कोई बदलाव नहीं चाहता है। रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई सहायक स्टाफ के लिए किसी विदेशी को नहीं लेने की नीति पर ही चलना चाहता है। राहुल द्रविड़ का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही सहायक स्टाफ की सेवाएं भी समाप्त हो गई हैं। इनमे बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़, गेंदबाजी कोच पारस म्हांब्रे और फील्डिंग कोच टी. दिलीप शामिल हैं। इन सभी का कार्यकाल टी20 विश्व कप फाइनल के बाद खत्म हो गया है।
विनय कुमार को गेंदबाजी कोच बनाने के पक्ष में नहीं बीसीसीआई
रिपोर्ट के अनुसार, जोंटी रोड्स की तरह ही गंभीर ने गेंदबाजी कोच के लिए विनय कुमार के नाम की सिफारिश की थी, लेकिन बीसीसीआई ने इसका समर्थन नहीं किया। इस बीच, यह भी खबर आई थी कि गंभीर नीदरलैंड के पूर्व खिलाड़ी रियान टेन डसकाटे को सहायक स्टाफ में शामिल करना चाहते थे। डसकाटे कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के फील्डिंग कोच रह चुके हैं और कई अन्य लीग का भी हिस्सा रहे हैं।
सहायक स्टाफ को लेकर बढ़ी दिलचस्पी
गंभीर के प्रस्ताव ठुकराए जाने की खबरों के बीच क्रिकेट समुदाय में इस बात को लेकर दिलचस्पी बढ़ गई है कि सहायक स्टाफ को लेकर बीसीसीआई क्या अंतिम फैसला लेगा। इस दौड़ में कई पूर्व खिलाड़ी शामिल हैं, लेकिन अब तक आधिकारिक रूप से कोई भी नाम सामने नहीं आया है। मालूम हो कि गंभीर इस महीने के अंत में श्रीलंका के खिलाफ होने वाली सीमित ओवरों की सीरीज से टीम इंडिया से जुड़ेंगे।