पटना : पटना हाईकोर्ट ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई द्वारा गिरफ्तार किए गए 13 लोगों की रिमांड सीबीआई को दे दी। सीबीआई की टीम पूछताछ करेगी। गुरुवार को पटना की अदालत ने रॉकी उर्फ राकेश रंजन की रिमांड सीबीआई को दी गई। राकेश संजीव मुखिया का भांजा है। दरअसल, सीबीआई की याचिका को विशेष मजिस्ट्रेट, सीबीआई, पटना ने 2 जुलाई को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि गिरफ्तारी के बाद पहले 15 दिनों के भीतर पुलिस हिरासत की मांग करने वाली वैधानिक अवधि समाप्त हो चुकी थी।
सीबीआई ने कोर्ट से मांगी थी इजाजत
सीबीआई ने इस आदेश को पटना हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि उसने जून में जांच शुरू की थी और उसे राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से पूछताछ करने का मौका दिया जाना चाहिए।सीबीआई की ओर से कहा गया था कि राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों को 15 दिन की पुलिस हिरासत भी नहीं मिली है। सूत्रों की मानें तो आरोपी महज दो से चार दिनों के लिए पटना पुलिस और बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई की हिरासत में थे और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। वहीं सीबीआई ने तर्क दिया कि उसे इन आरोपियों की पुलिस रिमांड की शेष अवधि के लिए हिरासत दी जा सकती है, जो 11-13 दिनों तक हो सकती है, जिसे पटना हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी थी।
57 गिरफ्तारियों के साथ छह एफआईआर दर्ज की
इधर, न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने कहा कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए और न्याय के हित में, विशेष मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी। उन्होंने शुक्रवार को ही एक्सक्लूसिव मजिस्ट्रेट को 13 आरोपियों की हिरासत सीबीआई को देने का निर्देश दिया। सीबीआई की विशेष अदालत वेबकॉपी पेश करने पर सीबीआई को रिमांड देगी। बता दें कि नीट यूजी पेपरलीक केस में सीबीआई ने अब तक लगभग 57 गिरफ्तारियों के साथ छह एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें से 12 केंद्रीय एजेंसी द्वारा की गईं, जबकि शेष विभिन्न राज्य पुलिस बलों द्वारा की गईं। अब तक 22 लोगों को जमानत मिल चुकी है।