नईदिल्ली : देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी कई मसलों को लेकर लगातार सुर्खियों में रही. अब इस शादी में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के शामिल होने पर नया विवाद छिड़ गया है. इसपर खुद शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में वानप्रस्थ आश्रम का महत्वपूर्ण स्थान है ऐसे में विवाह में साधुओं का शामिल होना गलत नहीं है.
वहीं अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों को लेकर दिए जा रहे बयान पर शंकराचार्य ने कहा, ‘हमारे यहां उद्योग धंधा लगाने वालों को राष्ट्र के लिए योगदान करने वाला माना जाता है. उनको सरकारें समर्थन करती हैं. लाखों-करोड़ों का अनुदान करती हैं. अगर उद्योग घाटे में चला जाए तो सरकार अपना पैसा देकर उनको उबारती हैं और फिर से उन्हें उद्योग चलाने का मौका देती हैं. हमारे देश के प्रधानमंत्री ने लाखों करोड़ों रुपया उद्योगपतियों का माफ किया है. राजनीतिक दृष्टी से आरोप लगाना अलग बात है.’
समाज का स्तंभ हैं उद्योगपति- शंकराचार्य
उन्होंने आगे कहा कि सच्चाई ये है कि देश के हर प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों को समय-समय पर बड़े-बड़े पैकेज की राहत दी है. क्योंकि उनका हमारी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में बहुत बड़ा योगदान है. उनके बिना देश चलना मुश्किल हो जाएगा. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि उद्योगपतियों को बुरा-भला कहना या लुटेरा कहना ये राजनीतिक भाषा किसी की हो सकती है और हमें इससे आपत्ति नहीं है, लेकिन वास्तविकता ये है कि उद्योगपति भी समाज का स्तंभ हैं और उनको भी समर्थन दिया जाना जरूरी है.
‘न परोसी गई शराब न ही परोसा मांसाहार’
अंबानी परिवार के शादी समारोह में शामिल होने पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ‘अंबानी परिवार ने अपने बेटे का विवाह किया. जिसमें लंबे समय तक कार्यक्रम आयोजित किए गए, लेकिन किसी भी दिन शराब परोसी नहीं गई. अलग-अलग मौकों पर हजारों व्यंजन बनाए, लेकिन एक भी दिन मांसाहार नहीं परोसा गया. भारतीय संस्कृति का अनुसरण करते हुए ये विवाह संपन्न किया गया तो हम भी आशीर्वाद करने वहां पहुंचे.’ उन्होंने आगे कहा, ‘जहां देश में ऐसी परिस्थिति बन गई हो कि बिना शराब के कोई कार्यक्रम संपन्न नहीं हो रहा वहां इतना बड़ा आयोजन बिना शराब और मांसाहार के हुआ ये अद्भुत बात है.’