छत्तीसगढ़

वीडियो : आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भेजा एक्टर अमिताभ बच्चन, प्रभास को लीगल नोटिस, जानिए क्या है पूरा मामला

नईदिल्ली : आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बॉलीवुड सुपर स्टार अमिताभ बच्चन, प्रभास समेत फिल्म Kalki 2898 AD के निर्माताओं को लीगल नोटिस भेजा है। जिसमें उन्होंने फिल्म निर्माता, निर्दशक और अभिनेताओं से आग्रह किया है कि सनातन धर्म के मूल्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।

बॉलीवुड फिल्म ‘कल्कि 2898’ फिल्म के दृश्यों को लेकर शनिवार (20 जुलाई) को फिल्म निर्माता टीम को लीगल नोटिस भेजा गया। नोटिस में कल्कि धाम के संस्थापक आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आरोप लगाया कि इस फिल्म के जरिए हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है। उन्होंने फिल्म में दिखाए गए संतों के चरित्र की दृश्य पर भी सवाल उठाए।

‘हिंदू धर्म की भावनाएं हुईं आहत’
आचार्य ने लीगल नोटिस में लिखा, “भारत भावनाओं, आस्था और भक्ति की भूमि है। सनातन धर्म के मूल्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। सनातन के ग्रंथों में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। भगवान कल्कि नारायण हमारी आस्था के केंद्र में हैं। उन्हें अंतिम अवतार माना जाता है।” भगवान विष्णु के बारे में। पुराणों में कल्कि अवतार के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है और इसी के आधार पर पीएम मोदी ने 19 फरवरी को श्री कल्कि धाम की आधारशिला रखी।”

‘अभिव्यक्ति का मतलब आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं’
फिल्म को लेकर आचार्य ने कहा, “यह फिल्म हमारे धर्मग्रंथों में वर्णित बातों के विपरीत है। यह फिल्म हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है। इसलिए, हमने कुछ आपत्तियां नोट की हैं और प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। हिंदुओं की भावनाओं के साथ खेलना फिल्म निर्माताओं का ट्रेंड बन गया है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि आप हमारी आस्था के साथ खेल सकते हैं।”

फिल्म में संतों के चित्रण पर आपत्ति
लीगल नोटिस में अचार्य प्रमोद कृष्णम ने ‘कल्कि एडी 2898’ फिल्म निर्माताओं को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म में संतों का चित्रण राक्षसों के रूप में किया गया है।

‘फिल्म ने कल्कि अवतार को लेकर भ्रम पैदा किया’
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि फिल्म ने हिंदू पौराणिक ग्रंथों में जो लिखा और समझाया गया है, उससे भगवान कल्कि के बारे में मूल अवधारणा को बदल दिया है और उक्त कारणों से, भगवान कल्कि की कहानी का चित्रण और चित्रण पूरी तरह से गलत है और इन पवित्र ग्रंथों के प्रति अपमानजनक भी है।

नोटिस में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कल्कि धाम सैकड़ों करोड़ की संख्या में बड़ी संख्या में भक्तों की धार्मिक मान्यताओं और प्रथाओं का केंद्र हैं। उन्होंने कहा, “फिल्म में इस तरह के चित्रण से पहले से ही भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है और इससे धर्मनिष्ठ हिंदुओं के दिल और दिमाग में भगवान कल्कि की पौराणिक कथाओं और लोकाचार को अपरिवर्तनीय रूप से धूमिल करने की प्रवृत्ति बढ़ गई है। जिससे गलत व्याख्या होगी और बाद में हिंदू आस्था का क्षरण होगा, यह हमारे मुवक्किल की आस्था और धार्मिक भावनाओं और कहने की जरूरत नहीं कि व्यापक हिंदू समुदाय के लिए अत्यधिक संकट है”।