नईदिल्ली : बिहार विधानसभा में बुधवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष के नेता वेल में आ गए और बैनर पोस्टर लेकर प्रदर्शन करने लगे, विपक्ष नीतीश हाय-हाय के नारे लगा रहा था. ये लोग आरक्षण के मुद्दे पर हंगामा कर रहे थे, महागठबंधन विधायकों ने 65 प्रतिशत आरक्षण को संविधान के नौवीं सूची में शामिल करने की मांग की. तभी नीतीश कुमार सदन में खड़े होकर बोलने लगे. उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा थी तब ही सबको बुलाकर सर्वे कराया जाए. आप लोग ऐसे ही बोलते रहते हैं. हमने लगकर ये पूरा काम कराया था.
इस बीच विपक्ष की एक महिला सदस्य को नीतीश कुमार ने कहा- ‘कुछ जानती हो जो बोल रही हो, कहां से आई हो. महिला हो समझती नहीं हो’. विपक्ष के अन्य विधायकों को भी सीएम ने कहा आप लोग चुपचाप बैठ जाइए. दरअसल ये महिला जोर-जोर से नीतीश कुमार को बीच में टोक रही थीं. तभी सीएम को गुस्सा आ गया. इसके बाद महागठबंधन के भारी हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
वहीं जेडीयू मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार जातीय गणना खुद से कराई. आरक्षण का दायरा बढ़ा. 50 पर्सेंट से 65 फीसदी किया गया. उसी समय हम लोगों ने केंद्र सरकार से कहा था कि इसको संविधान की नौवीं अनुसूची में डाल दीजिए लेकिन पटना हाईकोर्ट ने 65 पर्सेंट आरक्षण पर रोक लगा दी है. हम लोग सुप्रीम कोर्ट भी गये हैं ताकि रोक हट जाए लेकिन विपक्ष बेवजह हंगामा कर रहा है. सिर्फ अपनी सियासत चमका रहा है.
बता दें कि बिहार विधानसभा के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है. सदन में सरकार एंटी पेपर लीक बिल पेश करेगी. हालांकि ये बिल कल ही सदन के पटल पर रखा जाना था, लेकिन विपक्ष के सदन से वाकआउट कर देने के कारण ये बिल पेश नहीं हो सका. अब उम्मीद है कि आज बुधवार को ये बिल जरूर पेश होगा. इसे राज्य सरकार की तरफ से बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक 2024 नाम दिया गया है.