छत्तीसगढ़

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की रिहाई क्यों चाहती है कांग्रेस? चन्नी के बयान पर मचा सियासी बवाल

नईदिल्ली : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने अमृतपाल सिंह संधू को लेकर जो बयान दिया उसे लेकर राजनीतिक गरमा गई है. जिस खालिस्तान का सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा, जिस खालिस्तान की वजह से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या तक हो गई, अब उसी खालिस्तान के समर्थक और वारिस पंजाब दे के चीफ अमृतपाल सिंह के समर्थन में कांग्रेस खुलकर उतर आई है.

डिब्रूगढ़ जेल में बंद है अमृतपाल

अमृतपाल सिंह खालिस्तान के समर्थक हैं और खुलेआम खालिस्तान की वकालत करते रहे हैं. पंजाब के लोगों के बीच खासे लोकप्रिय हैं और दुनिया उन्हें दूसरा जनरैल सिंह भिंडरावाले कहती है. खालिस्तान के प्रति कट्टरता और पंजाब में हुई हिंसा की वजह से ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया. 23 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार होने के बाद से ही अमृतपाल सिंह संधू असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं.

चरणजीत सिंह चन्नी के बयान पर राजनीति गरमाई

जेल में बंद रहने के दौरान ही अमृतपाल ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय लोकसभा का चुनाव जीता. जेल से आकर सांसद की शपथ लेकर अमृतपाल सिंह को फिर से जेल भेज दिया गया, लेकिन कांग्रेस को इससे परेशानी है तभी तो कांग्रेस के जालंधर से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि अमृतपाल सिंह पर जबरदस्ती एनएसए लगाया गया.

सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, “बीजेपी आपातकाल के आरोप लगाती है, लेकिन देश में तो अभी अघोषित आपातकाल लागू है, जब एक निर्वाचित सांसद पर एनएसए लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया गया है और वे अपने क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहे हैं.”

अमृतपाल को समर्थन कांग्रेस को पड़ सकता है महंगा

चरणजीत सिंह चन्नी का ये बयान गुरुवार (25 जुलाई, 2024) का है, जब संसद का बजट सत्र चल रहा था. इसी दौरान मौका दिए जाने पर कांग्रेस सांसद ने अमृतपाल सिंह को लेकर केंद्र सरकार से ये सवाल कर दिया, लेकिन कांग्रेस सांसद शायद ये बात भूल गए हैं कि अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी का मसला केंद्र सरकार का नहीं, बल्कि राज्य सरकार का है और राज्य में उसी आम आदमी पार्टी की सरकार है, जो कांग्रेस की अगुवाई में बने इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. हालांकि चरणजीत सिंह चन्नी के सवालों का जवाब रवनीत बिट्टू ने संसद में ही दे दिया.

चरणजीत सिंह चन्नी के अमृतपाल को समर्थन करने का कांग्रेस को भारी कीमत उठाना पड़ सकता है, क्योंकि पंजाब का इतिहास गवाह है कि खालिस्तान को पहले खाद-पानी देने और फिर उसे कुचलने की कोशिश में पंजाब दशकों तक जलता रहा है और उसकी तपिश आज भी मौजूद है.