नईदिल्ली : पेरिस ओलंपिक्स 2024 शुरू होने से पहले ही विवादों का घर बन गया है. ओलंपिक सेरेमनी 26 जुलाई को होनी थी, लेकिन उससे 2 दिन पहले फुटबॉल में इजरायल का सामना माली से हुआ, जिनका मैच एक-एक से ड्रॉ पर छूटा. दरअसल जब मैच शुरू होने से पूर्व इजरायल का राष्ट्रगान बजाया गया तब मुस्लिम बहुल देश फिलिस्तीन के समर्थकों ने जोर-जोर से इजरायली फुटबॉल टीम के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए और काफी लोगों ने फिलिस्तीन का झण्डा दिखाकर इजरायल का विरोध जताया.
इजरायल के कोच ने आग में घी डालने का किया काम
जैसे-जैसे इजरायल टीम के खिलाफ नारे लगाए जा रहे थे, वैसे-वैसे स्टेडियम में मौजूद अनाउंसमेंट स्पीकर की आवाज को भी बढ़ाया जा रहा था. हद तो तब हो गई जब-जब इजरायल का कोई भी खिलाड़ी बॉल को टच करता तब-तब पूरी इजरायली टीम के खिलाफ नारे लगाए जाते. खैर इससे इजरायल टीम और उसके कोच पर कोई असर नहीं पड़ा क्योंकि कोच गाय लुज़ोन ने कहा कि उन्हें तो यह पसंद आ रहा है और इससे भी ज्यादा जोर से उनके खिलाफ नारे लगाइये क्योंकि इससे उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने का प्रोत्साहन ही मिलेगा.
बता दें कि इजरायल और माली का मैच काफी रोमांचक रहा, जिसमें पहला गोल इजरायल की तरफ से हुआ, वहीं कुछ देर बाद ही माली ने स्कोर एक-एक से लेवल कर लिया था. अंत तक स्कोर 1-1 बना रहा, जिसके कारण दोनों टीमों को ग्रुप डी के इस मैच में एक-एक अंक शेयर करना पड़ा.
फूलों से हुआ था फिलिस्तीन एथलीटों का स्वागत
फिलिस्तीन के एथलीट जब ओलंपिक खेलों में भाग लेने के लिए पेरिस एयरपोर्ट पर लैंड हुए तब उनका फूलों से स्वागत किया गया था. लोगों ने उनके लिए तालियां बजाईं और तोहफा देकर उनका स्वागत भी किया. फिलिस्तीन के एथलीटों का कहना था कि इजरायल-हमास युद्ध के बीच उनका ओलंपिक खेलों में भाग लेना दुनिया को एक कड़ा संदेश देगा. बता दें कि इजरायल-हमास युद्ध के कारण दुनिया भर में इजरायल के एथलीटों को पेरिस ओलंपिक खेलों में भाग लेने से बैन करने की मांग होने लगी थी.