छत्तीसगढ़

सैलरी-पेंशन देने की हैसियत नहीं, भारत को पछाड़ने की कर रहा बात, 2047 को लेकर क्या बोल गया पाकिस्तान

नईदिल्ली : पाकिस्तान तंगी से जूझ रहा है और वह आम जनता को मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखा रहा है. वह इस बात को खुद मान रहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से मिला फंड एक कड़वी गोली है. फौरी तौर पर तो राहत जरूर मिल गई है, लेकिन आने वाले दिनों में वह कंगाली के संकट से कैसे पार पाएगा. उसके पास सरकारी कर्मचारियों को सैलरी देने तक को पैसे नहीं हैं. महंगाई चरम पर है, लेकिन जिन्ना का मुल्क साल 2047 तक भारत की बराबरी करने की डींगें हांक रहा है.

पाकिस्तान के फेडरल मिनिस्टर अहसान इकबाल का कहना है कि उनके पास मौजूदा समय में सैलरी और पेंशन देने के लिए भी पर्याप्त धन नहीं है. उनका दावा है कि इस संकट के बावजूद भी वह 2047 तक विकास की एक गाथा लिखेंगे और भारत से आगे निकल जाएंगे. इस समय पाकिस्तान को एक्सपोर्ट इमरजेंसी बहुत ज्यादा जरूरत है. उनका देश आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है, एक्सपोर्ट बढ़ाकर ही अर्थव्यवस्था को उबारा जा सकता है.

पाकिस्तान के विकास को कौन लोग रोक रहे?

अहसान इकबाल का कहना है कि देश को कर्ज से तभी छुटकारा मिलेगा जब एक्सपोर्ट होगा. आईएमएफ कार्यक्रम के तहत उनके देश को 3 साल के लिए कर्ज मिला है. ये एक कड़वी गोली है. इसे उन्होंने निगल लिया है. उन्होंने लोगों से कहा है कि विरोध प्रदर्शन करने की बजाय आर्थिक विकास और राजनीतिक स्थिरता पर फोकस करने की जरूरत है. राजनीतिक अस्थिरता और नीतियों में गड़बड़ी ने हमें बहुत नुकसान पहुंचाया है. इसी से समाधान निकलने वाला है.

उनका कहना है कि पाकिस्तान के विकास और समृद्धि के लिए मतभेद मिटाने होंगे होंगे. कुछ तत्व देश को विकसित होते नहीं देखना चाहते हैं. ईएमएफ देश की समस्याओं का स्थायी हल नहीं है. एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. इससे पाकिस्तानी रुपया मजबूत होगा बल्कि देश भी आगे बढ़ेगा. मेड इन पाकिस्तान प्रोडक्ट्स को दुनिया भर में पहुंचाना होगा. उनका टारगेट एक्सपोर्ट को 100 बिलियन डॉलर से अधिक तक ले जाना है. अगर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डूबी तो पूरा देश डूब जाएगा. कुछ लोग देश को विकसित होते नहीं देखना चाहते.

पाकिस्तान में बिजली संकट एक बड़ी समस्या

पाकिस्तान में लोग बिजली संकट से जूझते हैं और उन्हें अंधेरे में सरकार रखे हुए है. इस मुद्दे पर सरकार का विरोध भी होता रहा है. सरकार का कहना है वह इस संकट के समाधान खोजने के लिए लगी हुई है. इसमें उसकी मदद चीन कर रहा है. अहसान इकबाल ने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अचानक चरमरा गई, जिसकी वजह से बिजली पर ध्यान नहीं दिया गया. सरकार का पूरा ध्यान इस बात पर लग गया कि लोगों की मदद कैसे की जाए.