नईदिल्ली : भारत के पहले ह्यूमन स्पेस मिशन ‘गगनयान’ के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. इस मिशन के लिए चुने गए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हाल ही में स्पेस जाने की ट्रेनिंग के लिए अमेरिका पहुंचे हैं. शुक्ला का चयन भारत का पहला ‘गगनयात्री’ यानी एस्ट्रोनॉट के रूप में किया गया है. उन्हें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) मिशन के लिए भारत का गगनयात्री बनाया गया है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन मिशन के लिए आगामी भारत-अमेरिका मिशन के लिए चुना है.
शुभांशु शुक्ला को प्राइम मिशन पायलट चुना गया है, जबकि प्रशांत बालकृष्णन नायर बैकअप मिशन पायलट रहेंगे. शुक्ला Axiom मिशन 4 (Ax-4) के तहत अंतरिक्ष में जाएंगे. इसी की ट्रेनिंग के लिए वे अमेरिका पहुंचे हैं. यह इसरो और नासा के साथ अमेरिकी स्पेस कंपनी Axiom का एक साझा मिशन है. इस इंटरनेशनल कॉलैबोरेशन से भारत का स्पेस प्रोग्राम नई ऊंचाइयों को छुएगा.
शुभांशु जाएंगे स्पेस स्टेशन
Axiom मिशन 4 (Ax-4) के तहत कुल तीन देशों के अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाएंगे. इनमें एक शुभांशु शुक्ला हैं जबकि एक पोलैंड और एक हंगरी के एस्ट्रोनॉट हैं. पोलैंड और हंगरी के एस्ट्रोनॉट्स यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के सपोर्ट से स्पेस में जाएंगे. जब शुक्ला स्पेस से वापस लौटेंगे तो उनका एक्सपीरियंस भारत के पहले ह्यूमन स्पेस मिशन ‘गगनयान’ में काफी काम आएगा.
शुभांशु शुक्ला भारत के पहले मानव स्पेस मिशन गगनयान के तहत अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति बनेंगे. यह मिशन पूरी तरह भारत का होगा, जिसे भारत खुद कंट्रोल और ऑपरेट करेगा.
अंतरिक्ष में भारत ने भले ही खुद से कोई अंतरिक्ष यात्री न भेजा हो, लेकिन कई भारतीय/भारतीय मूल के व्यक्ति अंतरिक्ष की सैर कर चुके हैं. आइए जानते हैं कि अब तक भारत से ताल्लुक रखने वाले कितने लोग स्पेस में जा चुके हैं.
भारत के अंतरिक्ष यात्री
भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री का नाम राकेश शर्मा है. इनके अलावा कुछ और भारतीय मूल के लोग NASA (अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी) के अंतरिक्ष यात्री बनकर स्पेस में जा चुके हैं. इनमें आपने कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स का नाम जरूर सुना होगा. आइए आज स्पेस की सैर करने वाले सभी भारतीयों के बारे में जानते हैं.
1. राकेश शर्मा
राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय हैं. उनका जन्म 13 जनवरी 1949 को पंजाब के पटियाला में हुआ था. 1970 में शर्मा एक पायलट के तौर पर इंडियन एयर फोर्स में शामिल हुए. 1982 में उन्हें सोवियत यूनियन और भारत के स्पेस मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना गया. 3 अप्रैल 1984 को उन्होंने अंतरिक्ष में मौजूद Salyut 7 स्पेस स्टेशन जाने के लिए Soyuz T-11 से उड़ान भरी. उनके साथ दो सोवियत अंतरिक्ष यात्री कमांडर यूरी मालिशेव और फ्लाइट इंजीनियर गेन्नेडी स्ट्रेकालोव भी गए थे.
वहां शर्मा ने अंतरिक्ष से भारत की फोटोग्राफी और वजन न होने पर योग के असर को लेकर एक्सपेरिमेंट्स की स्टडी की. मिशन लगभग आठ दिनों तक चला और शर्मा और उनके क्रू के साथी 11 अप्रैल 1984 को कजाकिस्तान में उतरे.
2. कल्पना चावला
17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में कल्पना चावला का जन्म हुआ. 1988 में उन्होंने नासा ऐम्स रिसर्च सेंटर जॉइन किया था. 1997 में कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. छह साल बाद चावला एक और मिशन पर स्पेस गईं. लेकिन 1 फरवरी 2003 को पृथ्वी पर वापस लौटते समय स्पेस शटल कोलंबिया क्रैश हो गया, जिसमें उनकी मौत हो गई.
पृथ्वी के एटमॉस्फेयर में री-एंट्री के दौरान कोलंबिया स्पेश शटल पर सवार सातों एस्ट्रोनॉट्स मारे गए. स्पेस डॉट कॉम के अनुसार बचपन में इंडो-अमेरिकी एस्ट्रोनॉट कल्पना के पैरेंट्स उन्हें ‘मोंटू’ नाम से पुकारते थे. उन्होंने टेक्सास यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री पूरी की और 1988 में कोलोराडो यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की थी.
3. सुनीता विलियम्स
सुनीता विलियम्स एक भारतीय-अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स हैं. इनका नाम नासा के सबसे एक्सपीरियंस्ड एस्ट्रोनॉट्स में शामिल है. विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहियो में हुआ था. उन्होंने मैसाचुसेट्स के नीडहैम हाई स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की. इसके बाद यूएस नेवल एकेडमी से फिजिकल साइंस में बैचलर और फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में एमएससी की डिग्री हासिल की.
9 दिसंबर, 2006 को स्पेस शटल डिस्कवरी पर सवार होकर विलियम्स एसटीएस-116 के साथ स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुईं. यह उनकी पहली अंतरिक्ष यात्रा थी. ये मुकाम हासिल करने वाली वो भारतीय मूल की तीसरी अंतरिक्ष यात्री जबकि दूसरी भारतीय महिला बनीं. विलियम्स के नाम सबसे लंबे समय तक स्पेसवॉक करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड रहा है.
फिलहाल, विलियम्स नासा-बोइंग स्टारलाइनर टेस्ट क्रू फ्लाइट का हिस्सा हैं. विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर कई दिनों से स्पेस स्टेशन पर फंसे हुए हैं. इन दोनों की अभी तक पृथ्वी पर वापसी नहीं हुई है.
4. सिरिशा बंदला
सिरिशा बंदला एक भारतीय-अमेरिकी एयरोनॉटिकल इंजीनियर हैं. ये एक एस्ट्रोनॉट नहीं हैं, लेकिन इन्होंने पृथ्वी के सबऑर्बिटल रीजन तक का सफर किया है. यह एक कमर्शियल स्पेस मिशन था. Virgin Galactic Unity 22 मिशन के तहत 11 जुलाई 2021 को उन्होंने स्पेस के लिए उड़ान भरी.
बंदला अंतरिक्ष में जाने वाली भारत में जन्मीं दूसरी महिला, जबकि कुल चौथी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री बनीं. उनका जन्म आंध्र प्रदेश की एक तेलुगु बोलने वाली फैमिली में हुआ है.
5. राजा चारी
राजा जॉन वुरपुटूर चारी, एक भारतीय-अमेरिकी टेस्ट पायलट और नासा के अंतरिक्ष यात्री हैं. उनका जन्म अमेरिका के मिल्वौकी, विस्कॉन्सिन में हुआ था. एक भारतीय दंपति की संतान चारी ने यूनाइटेड स्टेट्स एयर फोर्स एकेडमी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन किया है. उनके पास 2,000 घंटों से ज्यादा फ्लाइट उड़ाने का एक्सपीरियंस है.
11 नवंबर 2021 को चारी स्पेसएक्स क्रू-3 के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए थे. उनका चयन स्पेसएक्स क्रू-3 मिशन के कमांडर के रूप में हुआ था. चारी की उपलब्धियों में आर्टेमिस टीम का हिस्सा होना और ESA अंतरिक्ष यात्री मैथियास मौरर के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर ईवीए (एक्स्ट्रावेहिकुलर एक्टिविटी) का सफलतापूर्वक संचालन करना शामिल है.
6. गोपीचंद थोटाकुरा
एंटरप्रेन्योर और पायलट गोपीचंद थोटाकुरा अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय टूरिस्ट हैं. 19 मई 2024 को एक टूरिस्ट के तौर पर उन्होंने ब्लू ओरिजिन के न्यू शेपर्ड-25 मिशन के तहत अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी.
ब्लू ओरिजन एक स्पेस कंपनी है, जिसके मालिक अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस हैं. एम्ब्री-रिडल एयरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट थोटाकुरा एक उत्साही ट्रेवलर हैं. थोटाकुरा एक बिजनेसमैन हैं. उनके साथ पांच और लोग स्पेस गए थे.
7. एंडी साधवानी
आनंद ‘एंडी’ हरीश साधवानी का जन्म अमेरिका के ह्यूस्टन में हुआ. एंडी भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं. 8 जून 2024 को उन्होंने Virgin Galactic की Galactic 07 फ्लाइट से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी. यह भी एक सबऑर्बिटल उड़ान थी.
कार्नेगी मेलन यूनिर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री लेने के बाद एंडी ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग और एयरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स में डुअल मास्टर डिग्री हासिल की. यहां उन्होंने हाइब्रिड रॉकेट मोटर टेक्नोलॉजी विकसित की और कई साइंस पब्लिकेशन में कॉन्ट्रिब्यूट किया.