छत्तीसगढ़

हिंडनबर्ग: ‘माधबी बुच के जवाब से साबित हुआ…’, सेबी प्रमुख पर हिंडनबर्ग का फिर हमला, कहा- ‘नए सवाल खड़े हुए’

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कथित अदाणी घोटाले से जुड़े होने का आरोप लगाया था। इस पर दंपती और अदाणी समूह ने सफाई दी थी। हालांकि, एक बार फिर अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई नए महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर दिए हैं।

हिंडनबर्ग का आरोप है कि उसने जनवरी 2023 में अदाणी ग्रुप पर जो खुलासा किया था, उस पर सेबी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। उसका आरोप है कि यह जांच केवल इसलिए नहीं की गई क्योंकि सेबी प्रमुख और अदाणी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। 

क्या है मामला?
गौरतलब है, अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है। 

सेबी और उसकी प्रमुख ने क्या कहा?
दरअसल,  भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), उसकी प्रमुख बुच तथा उनके पति ने अदाणी की कंपनियों के प्रति नमी बरतने के आरोपों को सिरे से नकार दिया है। बुच ने दावों को निराधार बताया और कहा कि इसमें कुछ भी सच्चाई नहीं है। वहीं, बाजार नियामक ने कहा है कि चेयरपर्सन माधवी बुच ने समय-समय पर प्रासंगिक खुलासे किए हैं। चेयरपर्सन ने संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। उसने अदाणी समूह के खिलाफ लगे सभी आरोपों की जांच की है। सेबी ने बताया कि जिन मामलों में जांच पूरी हुई, उनमें कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। 

हिंडनबर्ग का पलटवार
हिंडनबर्ग ने कहा, ‘हमारी रिपोर्ट पर सेबी की प्रमुख माधबी बुच ने जो जवाब दिया है, उसमें काफी कुछ जरूरी बातों को स्वीकार किया गया है। साथ ही कई नए महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए हैं। उनके जवाब से अब सार्वजनिक रूप से बरमूडा/मॉरीशस फंड में उनके निवेश की पुष्टि हो गई है। साथ ही विनोद अदाणी द्वारा कथित रूप से गबन किए गए धन की पुष्टि हो गई है।’

अमेरिकी कंपनी ने आगे कहा कि इसके अलावा, बुच के बयान से यह भी स्पष्ट हो गया है कि यह फंड उनके पति के बचपन के दोस्त द्वारा चलाया जाता था, जो उस समय अदाणी के निदेशक थे। सेबी को अदाणी मामले से संबंधित फंडों की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें बुच द्वारा भी निवेश किया गया था। यही पूरी जानकारी हमारी रिपोर्ट में उजागर की गई है। यह स्पष्ट है कि सेबी प्रमुख और अदाणी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। यह हितों का एक बड़ा टकराव है। 

दंपती ने आरोपों को बताया था बेबुनियाद
हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद माधबी और उनके पति का बयान सामने आया था। उन्होंने हिंडनबर्ग रिसर्च के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया। बुच दंपती ने कहा था कि 10 अगस्त को हिंडनबर्ग ने हमारे खिलाफ जो आरोप लगाए हैं, वे पूरी तरह गलत और बेबुनियाद हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च के इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है। अगर अथॉरिटी किसी डॉक्यूमेंट की मांग करती है तो हम उसे पूरा करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिसके खिलाफ सेबी ने एक्शन लिया और कारण बताओ नोटिस भेजा, वो इसके जवाब में गलत आरोप लगा रहा है।