छत्तीसगढ़

खेल पंचाट के फैसले को अब भी चुनौती दे सकती हैं विनेश फोगाट? जानिए क्या कहता है नियम

नईदिल्ली : महिला पहलवान विनेश फोगाट की अपील खेल पंचाट (सीएएस) में खारिज हो गई है, लेकिन इस बारे में चर्चा तेज हो गई है कि क्या इस भारतीय पहलवान के पास अब भी पदक जीतने का कोई मौका है? या वह इस फैसले को चुनौती दे सकती हैं? खेल पंचाट ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के पक्ष में फैसला दिया है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि विनेश के लिए दरवाजे पूरी तरह बंद हो चुके हैं। नियम के अनुसार, विनेश इस फैसले को स्विस कोर्ट में चुनौती दे सकती हैं।

सीएएस की वेबसाइट के अनुसार, खेल पंचाट के किसी भी फैसले को चुनौती दी जा सकती है, लेकिन काफी सीमित आधार पर। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने विनेश की अपील खारिज होने के बाद आधिकारिक बयान में कहा था कि संघ कानूनी विकल्प देखेगा। सीएएस ने अपनी वेबसाइट में लिखा, स्विस फेडरल ट्रिब्यूनल में न्यायिक सहायता की अनुमति बहुत ही सीमित आधारों पर दी जाती है, जैसे अधिकार क्षेत्र की कमी, प्राथमिक प्रक्रियात्मक नियमों का उल्लंघन या सार्वजनिक नीति के साथ असंगति के मामले में ऐसा किया जा सकता है।

क्या है पूरा मामला?
पिछले मंगलवार को जापान की युई सुसाकी के खिलाफ जीत सहित तीन जीत के साथ महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली विनेश को अंतत: स्वर्ण पदक जीतने वाली अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ खिताबी मुकाबले से बाहर कर दिया गया था क्योंकि सुबह वजन करते समय उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया था। इस पहलवान ने पिछले बुधवार को खेल पंचाट में इस फैसले के खिलाफ अपील की और मांग की कि उसे क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमेन लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए। लोपेज सेमीफाइनल में विनेश से हार गई थी, लेकिन बाद में भारतीय पहलवान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्हें फाइनल में जगह मिली। विनेश ने इसके खिलाफ अपील की थी और उनका कहना था कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाना चाहिए। भारत के दिग्गज वकील हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया ने विनेश की मदद की थी। विनेश की कानूनी टीम में फ्रांस के वकील जोएले मोंलुइस, एस्टेले इवानोवा, हैबिन एस्टेले किम और चार्ल्स एमसन शामिल हैं जिन्होंने विनेश और आईओए की अपील दाखिल करते वक्त मदद की।