छत्तीसगढ़

जम्मू-कश्मीर: नेकां और कांग्रेस के बीच होगा गठबंधन, भाजपा को रोकने के लिए ये है प्लान; इस वजह से आगे बढ़ाई बात

श्रीनगर। लोकसभा चुनाव की तर्ज पर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हो रहे पहले विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कांन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावनाएं तलाशने के लिए बैठकों का दौर शुरू हो गया है। 

सोमवार की रात श्रीनगर के एक सांच सितारा होटल में दोनों दलों के पांच-पांच नेताओं की मौजूदगी में बातचीत शुरू हुई। सब कुछ ठीक रहा तो अगले चार-पांच दिनों में गठबंधन की घोषणा हो जाएगी।

सूत्रों ने बताया, दोनों पार्टियों के आलाकमान के निर्देश पर बातचीत का सिलसिला शुरू किया गया। इसके लिए कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा, कार्यकारी अध्यक्ष ताराचंद व रमण भल्ला तथा पूर्व अध्यक्ष जीए मीर व विकार रसूल वानी तथा नेकां से कश्मीर संभाग के अध्यक्ष नसीर असलम वानी, जम्मू संभाग के अध्यक्ष रतनलाल गुप्ता, सकीना इट्टू, खालिक सुहरावर्दी तथा अतिरिक्त महासचिव अजय सडोत्रा को नामित किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, पहली बैठक में इस बात पर मंथन किया गया कि जहां जिस पार्टी की दमदार उपस्थिति हो उसे उसके खाते में दिया जाए। परिसीमन के चलते कई विधानसभा हलकों का समीकरण बदल गया है। इस वजह से सिटिंग-गेटिंग का फार्मूला अनुकूल नहीं होगा। मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सीटों के बंटवारे का फैसला किया जाए।

चुनाव प्रचार संयुक्त रूप से होगा
बातचीत में यह पक्ष भी सामने आया कि गठबंधन के तहत जिस पार्टी को सीटें आवंटित होंगी वह अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करेगा। उस सीट पर गठबंधन सहयोगी पूरी मदद करेगा। चुनाव प्रचार संयुक्त रूप से किया जाएगा। 

पहले चरण की 24 सीटों के लिए सबसे पहले गठबंधन में साझा होने वाली सीटों की जानकारी को सार्वजनिक किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि भाजपा को रोकने के लिए यह गठबंधन आकार लेगा। समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ बातचीत को आगे बढ़ाया गया है।