बिलासपुर। रतनपुर क्षेत्र के खूंटा घाट बांध में बड़ी संख्या में मगरमच्छों की मौजूदगी के कारण स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई है। मगरमच्छ अक्सर भोजन की तलाश में बांध से बाहर निकल जाते हैं और कई बार गांव के तालाबों और गलियों में देखे जाते हैं। ऐसा ही कुछ आज ग्राम जाली पुरैना तालाब के पास देखने को मिला, जहां अज्ञात वाहन की चपेट में आने से एक मगरमच्छ की मौत हो गई। मृत मगरमच्छ का सर क्षत विक्षत हालत में सड़क पर इधर-उधर फैला हुआ था।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, खूंटाघाट बांध के बाहरी मेड पर किसी तरह जाली और सुरक्षा व्यवस्था न होने से मगरमच्छ इसी तरह से बांध से बाहर निकल आते हैं। इससे अक्सर आसपास के ग्रामीणों और राहगीरों के साथ खुद मगरमच्छ की जान भी खतरे में पड़ जाती है।
बता दें कि इससे पहले शनिवार 10 अगस्त को रतनपुर राम टेकरी के पास स्थित विकमा तालाब के बगल में स्थित खेत में लोगों ने एक विशालकाय मगरमच्छ को देखा था, इसके बाद लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी लेकिन वन विभाग का कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा तो लोगों ने खुद ही इस मगरमच्छ को पकड़ा और फिर उसे एक ऑटो में भरकर खुटाघाट बांध तक छोड़ आये। अगर ऐसा ही रहा तो यहां भी कोटमी सोनार की तरह मगरमच्छों के लिए संरक्षित पार्क निर्माण करना होगा।