छत्तीसगढ़

आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, याचिका में की ये मांग

नईदिल्ली : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने बुधवार (04 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में कहा गया है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार केस में जांच सीबीआई को सौंपने से पहले उनका पक्ष नहीं सुना. घोष ने हॉस्पिटल में हुए रेप की घटना को भ्रष्टाचार के आरोप से जोड़ने वाली हाई कोर्ट के ओर से की गई टिप्पणी को हटाने की भी मांग की है. सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार, 6 सितंबर को इस याचिका पर सुनवाई करेगा.

23 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य की गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. जिसके बाद पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को मंगलवार (3 सितंबर, 2024) को 8 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. 

भ्रष्टाचार मामले में CBI ने 3 लोगों को किया था अरेस्ट

सीबीआई ने सरकारी अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में घोष को 3 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था. पिछले महीने जूनियर डॉक्टर के साथ कथित रेप और हत्या के बाद अस्पताल प्रशासन गहन जांच का सामना कर रहा है. सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि घोष के साथ गिरफ्तार किए गए तीन अन्य लोगों में अफसर अली (44) – उनके सुरक्षा गार्ड और अस्पताल के विक्रेता बिप्लव सिंघा (52) और सुमन हजारा (46) शामिल हैं.

संदीप घोष से किन और मामलों की जांच कर रही है CBI

सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं. जिसमें पहला आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बीती 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के रेप-हत्या का मामला है. वहीं दूसरा मामला अस्पताल में कथित वित्तीय प्रशासनिक गड़बड़ियों का है. जिसमें इस महीने की 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के मामले में सीबीआई को ‘स्टेटस रिपोर्ट’ दायर करनी है.

CBI अख़्तर अली से भी कर चुकी है पूछताछ

इससे पहले अस्पताल के ही एक पूर्व उप अधीक्षक अख़्तर अली ने कथित वित्तीय और दूसरी तरह की प्रशासनिक गड़बड़ियों को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें अख़्तर अली का दावा है कि वो बीते एक साल से अस्पताल में फैले कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर राज्य सरकार और राज्य के सतर्कता विभाग को शिकायत कर रहे थे. इसके बाद सीबीआई ने अख़्तर अली से भी पूछताछ की है.