छत्तीसगढ़

हरियाणा के लिए कांग्रेस की लिस्ट का इंतजार बढ़ा, आप से गठबंधन के खिलाफ उठी आवाज

नईदिल्ली : हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर टिकट फ़ाइनल करने के लिए कांग्रेस सब कमेटी की बैठक गुरुवार (5 सितंबर) को ख़त्म हो गई. शुक्रवार (6 सितंबर) को फिर बैठक होगी. फिलहाल कांग्रेस की पहली सूची का इंतजार बढ़ा गया है. वहीं आप से गठबंधन खिलाफ आवाज उठी है.

कांग्रेस की विशेष कमेटी ने गुरुवार (5 सितंबर) को भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला समेत हरियाणा कांग्रेस के सांसदों और वरिष्ठ नेताओं से मुलाक़ात की.

हरियाणा में गठबंधन की जरूरत नहीं- अजय यादव

उधर, आम आदमी पार्टी से गठबंधन की चर्चा के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय यादव ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि हरियाणा में कांग्रेस को गठबंधन की जरूरत नहीं है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इस पर आख़िरी फ़ैसला पार्टी नेतृत्व करेगा.

कांग्रेस की लिस्ट पर क्या बोले दीपेंद्र हुड्डा?

पार्टी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कब करेगी? इस सवाल पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रतिक्रिया दी है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, ”प्रक्रिया चल रही है और पार्टी का सिस्टम एक समय में एक स्टेप पर काम करती है. 2 घंटे पहले जो मैंने बात कही थी, उसमें अभी ज्यादा कुछ चेंज नहीं हुआ. हमें विश्वास है कि पार्टी नामों की समीक्षा के बाद सबसे मजबूत उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी. सभी सांसदों ने भी अपने-अपने सुझाव कमेटी के आगे रखे हैं”

टीएस सिंह देव ने क्या कहा?

वहीं बैठक के बाद टीएस सिंह देव ने कहा, “जिनसे राय ली जानी थी उनकी राय ले ली गई है. कल फाइनल फैसला होगा. अलग अलग चीजों को ध्यान में रखते हुए टिकट का बंटवारा होगा. जीत की संभावना को ध्यान में रखते हुए बंटवारा किया जाएगा.” आप से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा, “गठबंधन राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर हुआ था. हम सबने राष्ट्रीय मुद्दों पर गठबंधन किया था. जब हम राज्य में आते हैं तो वो मुद्दे समान नहीं रहते. हम पंजाब में आपस में लड़े. उसी को नीचे तक भी देखिए. इससे हमारे संबंध खराब नहीं होंगे. सबकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अगर होता है तो ठीक है. हम पंजाब में ल़ड़े लेकिन हमारे संबंध नहीं टूटे.” 

हरियाणा में एक ही चरण में 5 अक्टूबर को विधानसभा के चुनाव होंगे. वहीं, वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को की जाएगी. पहले यहां एक अक्टूबर को चुनाव होने थे लेकिन 31 अगस्त को निर्वाचन आयोग ने कार्यक्रम में बदलाव किया था.