छत्तीसगढ़

जब ऋषभ पंत ने 252 रन बनाकर बचाई थी दिल्ली की लाज, एक ही मैच में ठोके थे 21 छक्के

नईदिल्ली : : ऋषभ पंत अब भारतीय क्रिकेट टीम के मेन खिलाड़ियों में से एक बन चुके हैं. उन्होंने साल 2017 में टीम इंडिया के लिए कोई पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था. उसके बाद पंत ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 4,000 से अधिक रन बनाए हैं, कई शानदार शतक ठोके है और एक विकेटकीपर के तौर पर भी खूब सारी उपलब्धियां हासिल की हैं. मगर भारतीय टीम में डेब्यू से एक साल पहले यानी 2016 में उन्होंने एक ऐसी पारी खेली थी, जिसने दिल्ली की टीम को शर्मसार होने से बचा लिया था.

ये बात है 2016-2017 रणजी ट्रॉफी सीजन की. नवंबर महीने में दिल्ली और झारखंड के बीच ग्रुप बी का मैच खेला जा रहा था. उस भिड़ंत में झारखंड ने पहली पारी में 493 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था. जवाब में दिल्ली की पहली पारी 334 रन पर सिमट गई थी. इस पारी में कप्तान उन्मुक्त चंद ने 109 रन और ऋषभ पंत ने 117 रन की पारी खेली, लेकिन ये दोनों टीम को फॉलो-ऑन से नहीं बचा पाए थे. बताते चलें कि 3-4 दिन तक चलने वाले मैचों में फॉलो-ऑन 150 रन या उससे ज्यादा की लीड पर दिया जाता है.

ऋषभ पंत ने बचाई लाज

दिल्ली की टीम फॉलो-ऑन प्राप्त नहीं कर सकी थी और विपक्षी टीम की दूसरी पारी को जल्दी समेटने के इरादे से झारखंड ने भी दिल्ली को दूसरी बार बैटिंग का न्योता दिया. दिल्ली की दूसरी पारी की शुरुआत शानदार रही क्योंकि उन्मुक्त चंद और ध्रुव शोरे के बीच 109 रन की बेहतरीन साझेदारी हुई थी.

ऋषभ पंत तब बैटिंग करने आए जब दिल्ली ने 214 के स्कोर पर ध्रुव शोरे का विकेट गंवा दिया था. यहां से पंत ने ताबड़तोड़ अदाज में बैटिंग की और महज 67 गेंद में 135 रन ठोक डाले. इस दौरान पंत ने 48 गेंद में सेंचुरी पूरी कर रणजी ट्रॉफी के इतिहास का सबसे तेज शतक लगाया था. इस पारी में उन्होंने 8 चौके और 13 छक्के लगाए थे. पूरे मैच की बात करें तो उन्होंने 252 रन बनाए, टीम को फॉलो-ऑन से बचाया और दोनों पारियों में कुल मिलाकर 21 छक्के लगाए थे. अंत में यह मुकाबला ड्रॉ पर छूटा था.