छत्तीसगढ़

ममता ने मानी डॉक्टरों की मांगे, कोलकाता कमिश्नर सहित कई बड़े अधिकारियों को हटाने की बात कही

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मामले में गतिरोध समाप्त करने के लिए आंदोलनकारी चिकित्सकों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने अपने आवास पर डॉक्टरों से बातचीत की। जूनियर डॉक्टरों का एक दल सीएम के आवास पर ही उनसे कई मुद्दों पर चर्चा की। करीब दो घंटे चली बैठक के बाद सीएम ममता बनर्जी ने अपना बयान जारी किया। ममता बनर्जी ने कहा कि हमने डॉक्टरों की बात मानी है। उनकी 99 फीसदी मांगो को मान लिया गया है। ममता बनर्जी ने कहा कि कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद बड़े बदलाव होंगे।

42 डॉक्टरों ने किए समझौते पर हस्ताक्षर, कोलकाता कमिश्नर हटाए गए
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि आंदोलनरत 42 डॉक्टरों और मुख्य सचिव मनोज पंत ने बैठक के मिनट्स पर हस्ताक्षर किए हैं। जूनियर डॉक्टरों की मांग को देखते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल ने बैठक में कहा है कि वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। शाम 4 बजे विनीत नए सीपी को जिम्मेदारी सौंपेंगे। मंगलवार को कोलकाता पुलिस के नए कमिश्नर की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ ही हमने स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक, चिकित्सा शिक्षा निदेशक को हटाने का फैसला किया है।

इसके साथ ही ममता बनर्जी ने कहा कि हमने आंदोलनकारी डॉक्टरों से काम पर वापस लौटने का आग्रह किया है। आंदोलन कर रहे डॉक्टरों की पांच में से तीन मांगें मान ली गई हैं। विरोध करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। सीएम ने यह भी कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों की मांगों पर गौर करेगी। 

 बंगाल की मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों की ओर से अभी कोई विस्तृत बयान अभी नहीं आया है। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति और कुछ पर असहमति है। 

बातचीत के चार असफल प्रयासों के बाद 35 आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल आज शाम बैठक के लिए पहुंचा था। यह बैठक पहले शाम 5 बजे निर्धारित थी, लगभग 6:50 बजे शुरू हुई और रात लगभग नौ बजे समाप्त हो गई।

बंगाल सरकार ने मानी बातचीत की लिखित रिकॉर्डिंग की मांग
इससे पहले बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने लिखा, ‘यह पांचवीं और अंतिम बार है, जब हम मुख्यमंत्री और प्रतिनिधियों के बीच बैठक के लिए आपसे संपर्क कर रहे हैं। शनिवार को हुई हमारी चर्चा के मुताबिक हम एक बार फिर आपको चर्चा के लिए मुख्यमंत्री के कालीघाट स्थित आवास पर बैठक के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। पंत ने उम्मीद जताई कि डॉक्टर्स यह समझेंगे कि बैठक की कोई लाइव स्ट्रीमिंग या वीडियोग्राफी नहीं हो सकती, क्योंकि मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। इसके बजाय बैठक के मिनट्स को रिकॉर्ड किया जाएगा और इस पर दोनों से हस्ताक्षर कराए जाएंगे।’

इससे पहले ममता बनर्जी ने शनिवार शाम को उनके आवास पर बातचीत के लिए पहुंचे आंदोलनकारी चिकित्सकों से बैठक में शामिल होने की अपील की थी। तब चिकित्सकों ने बैठक का सीधा प्रसारण करने की मांग की थी। इस पर बात न बन पाने की वजह से दोनों पक्षों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी।

सुप्रीम कोर्ट का दिया था हवाला 
ममता ने चिकित्सकों से अंदर आने और बारिश में न भीगने की अपील करते हुए कहा था कि मैं आप सभी से अंदर आने और बैठक में हिस्सा लेने का अनुरोध करती हूं। चूंकि मामला अदालत में है, इसलिए हम बैठक के सीधे प्रसारण की अनुमति नहीं दे सकते। बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद ही आपको इसकी एक प्रति उपलब्ध कराऊंगी।

‘आप लोग मेरा इस तरह अपमान क्यों कर रहे हैं?’
मुख्यमंत्री ने कहा था कि आज आपने कहा कि आप मिलना चाहते हैं, इसलिए मैं इंतजार कर रही हूं। आप लोग मेरा इस तरह अपमान क्यों कर रहे हैं? कृपया मेरा इस तरह अपमान न करें। इससे पहले तीन मौकों पर मैं इंतजार करती रही, लेकिन आप लोग नहीं आए।