छत्तीसगढ़

चोट के साथ खेलना न केवल मेरे स्वास्थ्य के लिए बल्कि टीम की संभावनाओं के लिए भी हानिकारक है…,भारत के टॉप एथलीट पर खड़ा हुआ विवाद

नईदिल्ली : भारतीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने हाल ही में डेविस कप में खेलने के लिए ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन (AITA) से 50,000 डॉलर (करीब 45 लाख रुपए) की सालाना फीस मांगी है. इस मांग ने टेनिस जगत में हलचल मचा दी है. नागल ने कहा कि पेशेवर खेलों में एथलीटों को उनकी सेवाओं के लिए मुआवजा देना एक सामान्य प्रथा है, चाहे वे अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हों या नहीं.

इस मुद्दे पर एआईटीए की कार्यकारी समिति में मतभेद था. कुछ सदस्यों का मानना ​​था कि खिलाड़ियों को बिना किसी वित्तीय मांग के देश का प्रतिनिधित्व करना चाहिए, जबकि अन्य का मानना ​​था कि प्रदर्शन आधारित बोनस एक उचित समाधान हो सकता है. आखिर में समिति ने डेविस कप कप्तान को नागल से बातचीत करने के लिए अधिकृत किया.

क्या कहना है एआईटीए का?
एआईटीए ने आखिरकार सुमित नागल की शर्तों पर सहमति जताई. एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि टूर्नामेंट के स्तर को देखते हुए 45 लाख रुपए की वार्षिक मांग, जो प्रति मुकाबले लगभग 20 लाख रुपए है, उचित है. यूएस ओपन और फ्रेंच ओपन जैसे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में खिलाड़ी पहले दौर में ही काफी पुरस्कार राशि जीत लेते हैं, इसलिए नागल की मांग को अत्यधिक नहीं माना जा सकता.

सुमित नागल का बयान
चोट के कारण स्वीडन के खिलाफ डेविस कप मुकाबले से हटने वाले सुमित नागल ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय चिकित्सा सलाह पर आधारित था. उन्होंने कहा, “मेरे लिए खेलना सम्मान की बात है, लेकिन चोट के साथ खेलना न केवल मेरे स्वास्थ्य के लिए बल्कि टीम की संभावनाओं के लिए भी हानिकारक हो सकता है.”

अपने बचाव में, सुमित नागल ने सोशल मीडिया पर कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि पेशेवर खेलों में एथलीटों को उनके आयोजन में भाग लेने के लिए मुआवजा मिलना सामान्य बात है. यह किसी व्यक्तिगत लाभ के बारे में नहीं है.”