तेल अवीव। पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को तेल अवीव के किरिया में सुरक्षा प्रतिष्ठान के प्रमुखों के साथ एक बैठक की। यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब ईरान की ओर से करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें इस्राइल पर दागी गई हैं और क्षेत्र में तनाव चरम पर है।
मिसाइल हमले कर ईरान ने बड़ी गलती कर दी: बेंजामिन नेतन्याहू
इस्राइली प्रधानमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने आज दोपहर सुरक्षा प्रतिष्ठान के प्रमुखों के साथ चर्चा की। अमेरिकी नौसेना के विध्वंसक (डेस्ट्रॉयर) इस्राइली वायु सेना के साथ मिलकर इन मिलकर ईरानी मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। प्रधानंत्री नेतन्याहू ने ईरान के मिसाइल हमले को लेकर कहा कि उसने बड़ी गलती कर दी है और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे: डैनियल हगारी, प्रवक्ता आईडीएफ
इस्राइल रक्षा बल (आईडीएफ) के प्रवक्ता एडमिरल डैनियल हगारी ने ईरान के हमले ने तनाव को गंभीर और खतरनाक स्तर तक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, इसके परिणाम भुगतने होंगे। हम जब, जहां और जिस तरह से चाहेंगे, प्रतिक्रिया देंगे। अब यह इस्राइल सरकार तय करेगी।
लेबनान के दो दर्जन गांवों को खाली करने का आदेश
वहीं, ईरान की ओर से इस्राइल पर हमले के एक दिन बाद आईडीएफ ने दक्षिण लेबनान के दो दर्जन गांवों के लोगों को तुरंत अपने घरों को छोड़ने का आह्वान किया है। आईडीएफ के अरबी भाषा के प्रवक्ता कर्नल अविचय अद्राई ने एक बयान में कहा, हिजबुल्ला की गतिविधियां आईडीएफ को इसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर रही हैं। आईडीएफ आपको नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती। अपनी सुरक्षा के लिए आपको तुरंत अपने घर खाली करने चाहिए। जो कोई भी हिजबुल्ला के ऑपरेटिव, उनके स्थलों या उनके हथियारों के करीब हैं, वह अपने आपको जोखिम में डाल सकता है।
आईडीएफ सेना ने दक्षिण लेबनान के 28 अन्य गांवों के लिए भी इसी तरह के आदेश जारी किए थे। ताजा अपडेट में, आईडीएफ ने बुधवार को कहा कि उसने हवाई हमलों में 150 से ज्यादा आतंकवादी ढांचों को नष्ट कर दिया है, जिनमें हिजबुल्ला का मुख्यालय, हथियारों के भंडार और रॉकेट लॉन्चर शामिल हैं।