नईदिल्ली : हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आज मंगलवार (08 अक्टूबर) को मतगणना शुरू होगी. सत्तारूढ़ भाजपा को भरोसा है कि वह लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता बरकरार रखने में कामयाब होगी तो वहीं एग्जिट पोल के अनुमान से उत्साहित विपक्षी दल कांग्रेस भी 10 साल बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है. अधिकारियों ने बताया कि आठ अक्टूबर को सुबह आठ बजे से शुरू होने वाली मतगणना प्रक्रिया के लिए सुरक्षा व्यवस्था समेत सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पंकज अग्रवाल ने सोमवार को बताया, “मतगणना स्थलों पर तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है.’’ लोकसभा चुनावों के बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच पहला बड़ा सीधा मुकाबला है. इस चुनाव परिणाम का इस्तेमाल विजेता पार्टी की ओर से अन्य राज्यों में अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए किया जाएगा, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं.
भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला
हरियाणा के चुनाव में मुख्य पार्टियां भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो)-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जननायक जनता पार्टी (जजपा)-आजाद समाज पार्टी (आसपा) हैं. ज्यादातर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है. पंकज अग्रवाल ने कहा कि राज्य के 22 जिलों के 90 विधानसभा क्षेत्रों में 93 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं. बयान में यह भी कहा गया है कि बादशाहपुर, गुरुग्राम और पटौदी विधानसभा सीटों के लिए दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, जबकि शेष 87 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए एक-एक मतगणना केंद्र स्थापित किया गया है.
हरियाणा की 90 सीटों के लिए कुल 1,031 उम्मीदवार
हरियाणा की 90 सीट पर 464 निर्दलीय और 101 महिलाओं सहित कुल 1,031 उम्मीदवार मैदान में हैं. इन सीटों पर पांच अक्टूबर को एक ही चरण में मतदान हुआ था. हरियाणा पुलिस के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि मतगणना के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है और हर केंद्र पर पर्याप्त पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है. कपूर ने कहा कि इन केंद्रों के आसपास यातायात को प्रबंधित करने के लिए यातायात को दूसरे मार्ग से भेजने की योजना भी तैयार की गई है. कई एग्जिट पोल ने हरियाणा में कांग्रेस की जीत का अनुमान जताया है, जहां 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ.
दौड़ में हुड्डा सबसे आगे
एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया है कि उनकी पार्टी भाजपा आठ अक्टूबर को पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाएगी. उन्होंने कहा कि जब आठ अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे तो कांग्रेस इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को दोष देगी. दूसरी ओर, कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्ण बहुमत मिलने का विश्वास जताया है. हुड्डा को कांग्रेस के जीतने पर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है.
इनेलो-बसपा ने किया सरकार बनाने का दावा
भाजपा नेताओं के इस दावे पर कि उनकी पार्टी सत्ता में वापस आएगी, हुड्डा ने पूर्व में कहा था, ‘‘भाजपा और क्या कहेगी? उन्हें नतीजे आने के बाद पता चल जाएगा.’’ इनेलो-बसपा गठबंधन ने भी दावा किया है कि नतीजे घोषित होने के बाद वह अगली सरकार बनाएगा, जबकि जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने विश्वास जताया है कि उनके गठबंधन को जीत मिलेगी. हरियाणा में अपने बलबूते चुनाव लड़ने वाली आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल दावा करते रहे हैं कि उनकी पार्टी के समर्थन के बिना हरियाणा में कोई सरकार नहीं बन सकती.
चुनावी मुकाबले में उतरे प्रमुख उम्मीदवार
चुनावी मुकाबले में उतरे प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री सैनी (लाडवा), विपक्ष के नेता हुड्डा (गढ़ी सांपला-किलोई), इनेलो के अभय चौटाला (ऐलनाबाद), जजपा के दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां), भाजपा के अनिल विज (अंबाला कैंट), कैप्टन अभिमन्यु (नारनौंद), ओ पी धनखड़ (बादली), आप के अनुराग ढांडा (कलायत) और कांग्रेस की विनेश फोगाट (जुलाना) हैं. कांग्रेस और भाजपा दोनों के कुछ बागी भी मैदान में उतरे हैं.
जम्मू कश्मीर में 370 निरस्त होने के बाद हो रहे चुनाव
वहीं जम्मू-कश्मीर की बात करें तो 90 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना मंगलवार यानी कल सुबह शुरू होगी. इस चुनाव के नतीजों से 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में पहली निर्वाचित सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त होगा. इस विधानसभा चुनाव में मुकाबले में मुख्य रूप से कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हैं. यह चुनाव पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के पांच साल बाद हो रहा है.
मतगणना केंद्रों पर की गई त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था
पार्टियों की ओर से अपनी-अपनी संभावनाओं का आकलन करने के बीच, प्रशासन सोमवार को सभी 20 जिला मुख्यालयों में निर्धारित केंद्रों पर सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में व्यस्त रहा. निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, सभी मतगणना केंद्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीमावर्ती केंद्र शासित प्रदेश में सब कुछ ठीक रहे. कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र के सभी केंद्रों पर सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया है और वे पहरा दे रहे हैं. वर्ष 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हुए.
पिछले चुनाव के मुकाबले कम हुई वोटिंग
कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र की 90 सीटों में से पहले चरण में 24, दूसरे चरण में 26 और तीसरे चरण में 40 सीटों पर मतदान हुआ. केंद्र शासित प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनावी मुकाबले में उतरे 873 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला मंगलवार शाम तक होने की संभावना है. इस बार मतदान 63.45 प्रतिशत रहा, जो 2014 के विधानसभा चुनाव में दर्ज 65.52 प्रतिशत से कम है.
चुवानी मैदान में प्रमुख उम्मीदवार
चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रमुख उम्मीदवारों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (बडगाम और गांदरबल, दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन (हंदवाड़ा और कुपवाड़ा सीटों से), प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा (बटमालू) और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना (नौशेरा सीट) शामिल हैं.