छत्तीसगढ़

कश्मीर में टेरिटोरियल आर्मी के एक जवान का आतंकियों ने किया अपहरण, सर्च ऑपरेशन जारी

जम्मू : कश्मीर के अनंतनाग जिले मेंआतंकियों की कायराना हरकत सामने आई है. कोकरनाग इलाके के शांगस से आतंकवादियों ने टेरिटोरियल आर्मी के एक जवान का अपहरण कर लिया है. टेरिटोरियल आर्मी का एक अन्य जवान अपहरण के बाद भागने में सफल रहा. भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम इलाके में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चला रही है. सैनिक के बारे में किसी भी सुराग के लिए आसपास के इलाकों की तलाशी ली जा रही है.

साल 2020 में आतंकियों ने ऐसी ही कायराना हरकत को अंजाम दिया था. तब कश्मीर में टेरिटोरियल आर्मी के जवान शाकिर मंजूर वागे का अपहरण कर लिया था. इस घटना के पांच दिन बाद परिवार को घर के पास शाकिर के कपड़े मिले थे. ये घटना2 अगस्त की थी. तब 24 साल के शाकिर वागे दक्षिण कश्मीर के शोपियां के हरमैन में अपने घर के पास से लापता हो गए थे.

एक साल बाद मिला था शाकिर का शव

आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था. शाकिर बकरीद पर अपने घर गए थे. अपहरण करने के साथ ही आतंकियों ने जवान की गाड़ी को भी फूंक दिया था. शाकिर 162-टीए में दक्षिणी कश्मीर के बालापुर में तैनात थे. काफी तलाश के बाद भी उनका पता नहीं लग पाया था. एक साल बाद सितंबर में शाकिर का शव मिला था.

कहां मिला था शाकिर का शव

शाकिर वागे का शव कश्मीर के कुलगाम जिले में मिला था. जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने शाकिर के परिवार से संपर्क किया. इस दौरान उनके पिता मंजूर अहमद वागे ने कहा था कि शव की पहचान करने पर पता चला है कि यह उनका बेटा शाकिर ही है. जो एक साल पहले लापता हो गया था.

अपहरण होने के बाद शाकिर के पिता ने क्या कहा था

शाकिर के पिता मंजूर अहमद ने कहा था, मेरा बेटा एक सैनिक था. मैं दहशतगर्दों से कहना चाहता हूं कि उसका शव हमें दे दें. अपहरण के दिन शाकिर बालापोरा कैंप में तैनात था. ऑफिशियल मेल के बाद उसे कैंप छोड़ने की इजाजत मिली थी.घर के लिए वो अपनी कार से निकला था. परिवार को फोन किया था और कहा था कि उसे आने में एक घंटा लगेगा.