छत्तीसगढ़

ट्रूडो के झूठ की कनाडा के विपक्ष ने ही खोल दी पोल, बताया निज्जर मामले का क्यों कर रहे इस्तेमाल?

नईदिल्ली : खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर लगाए गए आरोप को लेकर अब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अपने घर में ही घिरते नजर आ रहे हैं. कनाडा के विपक्षी नेता मैक्सिम बर्नियर ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर अन्य विवादों से ध्यान भटकाने के लिए हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.

विपक्षी नेता ने सरकार से पिछली प्रशासनिक गलती को सुधारने के लिए खालिस्तानी आतंकवादी की नागरिकता मरणोपरांत छीन लेने को कहा है. पीपुल्स पार्टी ऑफ कनाडा के नेता मैक्सिम बर्नियर ने यह भी कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर एक विदेशी आतंकवादी था, जिसे किसी तरह 2007 में नागरिकता दे दी गई थी. रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने सोमवार, 14 अक्टूबर को कहा कि उसने जून 2023 में हुई निज्जर की हत्या में, संभावित संदिग्ध के रूप में कनाडा में भारत के उच्चायुक्त और पांच  अन्य राजनयिकों की पहचान की थी.

‘अगर सबूत हैं निपटे कनाडा’

आरसीएमपी ने यह भी कहा कि उसने भारत सरकार के एजेंटों की ओर से कनाडाई लोगों के खिलाफ तेजी से एक अभियान चलाये जाने के सबूत भी पाए हैं. बर्नियर ने कहा कि अगर यह सच है, तो आरसीएमपी और कनाडा सरकार की ओर से लगाए गए ये आरोप कि भारतीय राजनयिकों की “हमारे देश में आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता रही है, बहुत गंभीर हैं और इससे निपटा जाना चाहिए.”

उन्होंने कहा, “हालांकि, अभी तक हमें कोई सबूत नहीं दिया गया है. और ट्रूडो स्पष्ट रूप से इस संकट का इस्तेमाल अन्य विवादों से ध्यान भटकाने के लिए कर रहे हैं.”

फर्जी दस्तेवेजों के सहारे कनाडाई नागरिक बना था निज्जर

बर्नियर ने कहा कि निज्जर एक विदेशी आतंकवादी था, जिसने कनाडा में शरण लेने के लिए कई बार फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था. उन्होंने कहा, “हालांकि इस भ्रम को दूर किया जाना चाहिए कि इस विवाद का केंद्र बिंदु, खालीस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर, जिसकी पिछले साल हत्या कर दी गई थी, एक कनाडाई था. वह असल में एक विदेशी आतंकवादी था जिसने 1997 से कई बार कनाडा में शरण लेने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था. उसके आवेदनों को खारिज कर दिया गया था, लेकिन फिर भी उसे इस देश में रहने की इजाजत दी गई और किसी तरह 2007 में उसे नागरिकता दे दी गई.”

उन्होंने कहा, “निज्जर कनाडाई नहीं था. इस प्रशासनिक गलती को सुधारने के लिए कनाडा को मरणोपरांत उसकी नागरिकता छीन लेनी चाहिए.”

‘उभरती विश्व शक्ति के साथ कनाडा को नहीं उलझना चाहिए’

बर्नियर ने कहा कि उसे शरण मांगने संबंधी अपने पहले फर्जी आवेदन के बाद ही निर्वासित कर दिया जाना चाहिए था, जैसा कि कनाडा में अभी फर्जी दस्तावेजों के जरिये शरण मांगने वाले हजारों लोगों के साथ किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “यह सब इसलिए हो रहा है कि कनाडा ने दशकों से जानबूझकर इन विदेशियों और उनके जाती झगड़ों को हमारे देश में न्यौता दिया है. हमें इस बड़ी गलती को समझना चाहिए और इस मुद्दे पर एक उभरती विश्व शक्ति और एक महत्वपूर्ण सहयोगी के साथ अपने संबंधों को खतरे में डालने के बजाय समाधान तलाशने के लिए भारत सरकार के साथ काम करना चाहिए.”